सार
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अगले पांच साल तक अपने पद पर बने रहेंगे। चीनी संसद ने इसपर मुहर लगा दी है। यह पहली बार है जब चीन के किसी नेता को तीसरा कार्यकाल मिला है।
बीजिंग। चीन की संसद ने शुक्रवार को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अगले पांच साल तक पद पर बनाए रखने के फैसले पर मुहर लगा दी। यह पहली बार है जब किसी को चीन के राष्ट्रपति का तीसरा कार्यकाल मिला है। 69 साल के शी जिनपिंग को पिछले साल अक्टूबर में हुए सीपीसी (कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना) के कांग्रेस में तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया था।
शी जिनपिंग पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद पहले चीनी नेता बने हैं जो पांच साल के दो कार्यकाल के बाद भी राष्ट्रपति बने हुए हैं। सीपीसी में लिए गए फैसले पर संसद में मुहर लगी है। दरअसल, चीन के संसद को अक्सर रबर स्टैंप भी बताया जाता है। शी जिनपिंग की जीरो कोविड पॉलिसी के चलते चीन की अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान हुआ है। तीसरे कार्यकाल के लिए शी जिनपिंग के चुने जाने से यह साफ हो गया है कि चीन की सत्ता पर उनकी कड़ी पकड़ बनी हुई है।
सभी सांसदों ने दिया शी जिनपिंग के समर्थन में वोट
शी जिनपिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए राष्ट्रपति बनाए जाने के प्रस्ताव पर चीनी संसद के सभी 2952 सांसदों ने वोट दिया। किसी ने इसके खिलाफ अपना मत नहीं दिया। संसद द्वारा पक्ष में प्रस्ताव किए जाने के बाद शी ने अपनी दाहिनी मुट्ठी ऊपर की और अपना बायां हाथ चीन के संविधान की कॉपी पर रखकर शपथ लिया।
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उन्होंने कहा, "मैं पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के संविधान के प्रति वफादार रहने, संविधान के अधिकार को बनाए रखने, अपने वैधानिक दायित्वों को निभाने, मातृभूमि के प्रति वफादार रहने, लोगों के प्रति वफादार रहने की शपथ लेता हूं। मैं ईमानदारी और मेहनत से अपने कर्तव्यों का पालन करूंगा।" शपथ ग्रहण समारोह को चीन के सरकारी टीवी चैनल पर लाइव दिखाया गया। इस दौरान शी जिनपिंग ने चीन को समृद्ध, मजबूत, लोकतांत्रिक, सभ्य, सामंजस्यपूर्ण और महान आधुनिक समाजवादी देश बनाने की कसम खाई।
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