सार

चीन का अंतरिक्ष रॉकेट पहले के अनुमान 300 और 600 के बजाय 900 से अधिक टुकड़ों में बिखर गया है। यह घटना 1,000 से अधिक उपग्रहों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती है। अनियंत्रित होकर अंतरिक्ष में घूम रहे रॉकेट के मलबे से उत्पन्न खतरे से चीन जूझ रहा है।

शंघाई: अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले ही टूटकर बिखर गया चीनी रॉकेट, 1,000 से अधिक सैटेलाइट्स के लिए बड़ा खतरा बन गया है। अंतरिक्ष में अनियंत्रित होकर घूम रहे इस रॉकेट के मलबे से उत्पन्न खतरे से चीन जूझ रहा है. 

18 इंटरनेट सैटेलाइट्स को लेकर जा रहे शंघाई स्पेसकॉम सैटेलाइट टेक्नोलॉजी (एसएसएसटी) का रॉकेट अंतरिक्ष में ही टूट गया। एसएसएसटी चीनी सरकार के स्वामित्व वाली एक तकनीकी संस्था है। अमेरिकी अंतरिक्ष ट्रैकिंग एजेंसियों का शुरुआती अनुमान था कि यह रॉकेट 300 टुकड़ों में बिखर गया है। लेकिन ताजा जानकारी के मुताबिक, रॉकेट 900 से अधिक टुकड़ों में टूट गया है। धरती से लगभग 800 किलोमीटर की ऊँचाई पर रॉकेट का मलबा घूम रहा है, जो हजारों कृत्रिम उपग्रहों और अन्य उपकरणों के लिए खतरा पैदा कर रहा है। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि रॉकेट का मलबा टकराकर सैटेलाइट्स को नष्ट न कर दे। यह मलबा सालों तक पृथ्वी की निचली कक्षा में बना रह सकता है।  

सैटेलाइट्स को कक्षा में स्थापित करने वाले रॉकेट का अगला हिस्सा टूट गया था। रॉकेट के टूटने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। शंघाई स्पेसकॉम सैटेलाइट टेक्नोलॉजी ने यह जानकारी नहीं दी है कि यह किसी अन्य वस्तु से टकराव के कारण हुआ है या रॉकेट में हुए विस्फोट के कारण। चीन का कहना है कि रॉकेट के टुकड़ों पर नजर रखी जा रही है। 2022 में भी इसी तरह लॉन्ग मार्च 6A रॉकेट में विस्फोट हुआ था। उस समय भी चीनी अंतरिक्ष कार्यक्रमों की आलोचना हुई थी. 

यह रॉकेट एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के स्टारलिंक सैटेलाइट प्रोग्राम को टक्कर देने के लिए चीन ने लॉन्च किया था। स्टारलिंक, मस्क का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य दुनिया भर में सैटेलाइट्स के जरिए इंटरनेट उपलब्ध कराना है।