सार

कोविड (Covid 19) के नए वैरिएंट Omicron को लेकर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। हालांकि, दुनियाभर में इसकी चिंता है। इस बीच डब्ल्यूएचओ (WHO) ने कहा कि है अफ्रीकी देशों की उड़ानें नहीं बंद करनी चाहिए, क्योंकि इससे आजीविका पर बहुत असर पड़ता है। 
 

संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कोरोना वारयस का नया वैरिएंट (Variant) ओमीक्रोन डेल्टा और अन्य वैरिएंट की तुलना में ज्यादा संक्रामक है और अधिक गंभीर बीमारी का कारण है। 
इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है, जो यह बताती हो कि ओमीक्रोन से जुड़े लक्षण अन्य स्वरूपों की तुलना में अलग हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि इस नए वैरिएंट की गंभीरता का स्तर समझने में कई दिनों से लेकर कई हफ्ते का समय लगेगा। उसने दुनिया भर के अन्य देशों से अपील की है कि वे ओमीक्रोन के चलते दक्षिण अफ्रीकी (South Africa) देशों से आने वाली उड़ानों (Flights) पर प्रतिबंध नहीं लगाएं। 

यात्रा प्रतिबंध से आजीविका पर बुरा प्रभाव 
अफ्रीका के लिए WHO के क्षेत्रीय निदेशक मात्शिदिसो मोएती ने कहा कि यात्रा प्रतिबंध से बचने के लिए देश विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियमों (International Health Guidelines) का पालन करें। यात्रा प्रतिबंध कोविड-19 के संक्रमण को थोड़ा कम कर सकते हैं, लेकिन इससे लोगों के जीवन और आजीविका पर बहुत प्रभाव पड़ता है। गौरतलब है कि ओमीक्रोन से संक्रमण के मामले सामने आने के बीच कई देशों ने दक्षिण अफ्रीकी देशों के यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। 

घोषित किया है वैरिएंट ऑफ कंसर्न 
डब्ल्यूएचओ ने ओमीक्रोन को चिंताजनक स्वरूप (Variant Of concern) करार दिया है। उसने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में इस वैरिएंट से संक्रमित पाए गए लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन यह समझने के लिए महामारी विज्ञान संबंधी अध्ययन चल रहे हैं कि क्या यह ओमीक्रोन के कारण है या अन्य कारक इसके लिए जिम्मेदार हैं। शुरुआती आंकड़ें बताते हैं कि दक्षिण अफ्रीका में लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन इसका कारण ओमीक्रोन से संक्रमण के बजाए सभी स्वरूपों से संक्रमित लोगों की कुल संख्या में वृद्धि हो सकता है।

वैक्सीनेशन में जितनी देर, उतना ही फैलेगा वायरस
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्रोस अदहानोम ग्रेबेयेसस ने कहा कि हम टीकाकरण में जितनी देरी करेंगे, कोविड-19 को उतना ही फैलने, उतने ही स्वरूप बदलने तथा और अधिक खतरनाक बनने की अनुमति देंगे। डब्ल्यूएचओ दुनिया भर के वैज्ञानिकों के साथ काम कर रहा है, ताकि ओमीक्रोन संक्रमण के प्रमुख पहलुओं और इसके प्रभाव को बेहतर ढंग से समझा जा सके।  

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