सार

देश-दुनिया में कोरोना की दूसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हो रही। सबसे अधिक आशंकित बच्चों के लिए लोग हैं। अभी भी 15 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए वैक्सीनेशन की कोई सुविधा नहीं है। हालांकि, 12 से 15 साल उम्र के बच्चों पर वैक्सीनेशन सफल रहा है लेकिन इससे कम उम्र को लेकर अभी भी अंदेशा बरकरार है। ऐसी स्थितियों में फाइजर, मार्डना व बायोएनटेक ने एक उम्मीद जगाई है। इन कंपनियों ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों साथ ही छह माह के नवजातों पर भी वैक्सीन ट्रायल लांच कर दिया है। 

नई दिल्ली। कोरोना (Covid-19) देश-दुनिया में दुबारा लौटकर आ चुका है और कहर बरपा रहा है। कोरोना महामारी से बिगड़ रही स्थितियों के बीच एक सुखद खबर यह है कि बच्चों के लिए भी वैक्सीन का ट्रायल प्रारंभ हो चुका है। अमरीका की दो कंपनियों ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया है। अभी तक बच्चों व 16 साल से कम किशोरों को कोरोना से बचाने वाली वैक्सीन नहीं दी जा रही थी। इस ट्रायल के बाद नवजात से लेकर किशोरों तक के लिए भी वैक्सीनेशन प्रारंभ होने की संभावना है। 

बच्चों पर अप्रत्याशित प्रभाव है वैक्सीन का

वैक्सीन बना रही अमरीकी कंपनी फाइजर इंक (Pfizer) व बायोएनटेक (BioNtech) ने बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल प्रारंभ किया है। कंपनी की रिसर्च टीम ने 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर फिलहाल ट्रायल शुरू किया है। ट्रायल सफल होने के बाद 12 साल से कम उम्र के बच्चों का भी वैक्सीनेशन हो सकेगा।

12-15 साल के बच्चों पर ट्रायल हो चुका है सफल

फाइजर इंक व बायोएनटेक एसई के अनुसार उनकी टीम ने 12 साल से 15 साल के किशोरों पर वैक्सीन का ट्रायल किया था। ट्रायल काफी सफल रहा। कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक 12 से 15 साल तक के बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन सौ प्रतिशत असरदार है। ऐसे में 12 साल से कम उम्र के बच्चों पर भी अगर ट्रायल सफल रहा तो सभी उम्र वर्ग को वैक्सीन लगाया जा सकेगा। 

नवजात पर भी शुरू हुआ ट्रायल

माडर्ना इंक कंपनी ने नवजात पर भी वैक्सीन का ट्रायल शुरू कर  दिया है। पिछले हफ्ते माडर्ना ने छह माह के नवजात पर वैक्सीन ट्रायल लांच किया था। अभी तक केवल फाइजर व बायोएनटेक ही सबसे कम उम्र 16 से 18 साल के युवाओं को वैक्सीन दे रहे थे।

अमेरिका में 16 साल के युवाओं को भी वैक्सीन, भारत में 45 साल से अधिक वालों का हो रहा वैक्सीनेशन

कोरोना संक्रमण से जूझ रहे अमेरिका में 16 साल से अधिक उम्र के युवाओं को भी वैक्सीन दिया जा रहा है। अमेरिका में कोरोना का पहला फेज काफी खतरनाक रहा था। उधर, भारत में फिलहाल 45 वर्ष से अधिक उम्र वालों को ही वैक्सीन का डोज दिया जा रहा है। भारत में कोरोना का दूसरा फेज काफी खतरनाक है। देश में पिछले चैबीस घंटे में 81 हजार से अधिक कोरोना पाॅजिटिव केस मिले जबकि एक दिन में होने वाली मौतों का आंकड़ा अबतक का सबसे अधिक 469 रहा। जिस तेजी से देश में कोरोना की दूसरी लहर आई है, उससे स्थितियां काफी भयावह होने का अंदेशा है।