साइक्लोन दितवाह के असर से तमिलनाडु में 54 फ्लाइट्स कैंसिल, कई जिलों में स्कूल बंद, और भारी बारिश की चेतावनी जारी। श्रीलंका में 123 मौतों के बाद भारत ने ऑपरेशन सागर बंधु के तहत राहत भेजी। तटवर्ती इलाकों में अलर्ट जारी।
नई दिल्ली। तमिलनाडु में साइक्लोन दितवाह का असर हर घंटे बढ़ता जा रहा है। चेन्नई, पुडुचेरी और तटीय जिलों में लोग लगातार डर और अनिश्चितता के माहौल में हैं। शनिवार सुबह से ही मौसम विभाग के अलर्ट के बाद हालात तेजी से बिगड़ने शुरू हुए। तेज़ हवाएं, भारी बारिश और समुद्र का उफान यह बता रहे हैं कि आने वाले 48 घंटे बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। चेन्नई एयरपोर्ट ने सुरक्षा को देखते हुए 54 फ्लाइट्स कैंसिल कर दीं। स्कूल और कॉलेजों को बंद कर दिया गया। रेलवे ने कई ट्रेनों को बीच रास्ते रोक दिया और यात्रियों को बसों के जरिए आगे भेजा। तटीय इलाकों में मछुआरों को समुद्र में जाने से सख्त मना किया गया है।लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि साइक्लोन दितवाह इतना खतरनाक क्यों हो रहा है? और अचानक इतने बड़े फैसले लेने की जरूरत क्यों पड़ गई?
साइक्लोन दितवाह आखिर कहां है और कैसे बढ़ रहा है?
साइक्लोन दितवाह अभी दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उत्तरी श्रीलंका के ऊपर मौजूद है। IMD के मुताबिक, पिछले 6 घंटों में यह लगभग 8 kmph की स्पीड से उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा है। शनिवार सुबह 8:30 बजे तक यह पुडुचेरी से 280 km और चेन्नई से लगभग 380 km दूर था। अगले 24 घंटों में इसके और ताकतवर होने के संकेत मिल रहे हैं। IMD का अनुमान है कि यह सिस्टम आज रात और कल के बीच तमिलनाडु तट के बेहद करीब पहुंच जाएगा।
तेज हवाओं ने स्थिति और भयावह की?
फिलहाल तटीय इलाकों में हवा की रफ्तार 50-60 kmph है, जो बढ़कर 70–80 kmph और कभी-कभी 90 kmph तक जा सकती है। इतनी तेज़ हवाएं पेड़ों को गिराने, बिजली लाइनों को नुकसान पहुंचाने और समुद्र में उफान लाने के लिए काफी हैं।
54 फ्लाइट्स क्यों कैंसिल की गईं? क्या स्थिति और खराब हो सकती है?
तमिलनाडु में साइक्लोन का सबसे बड़ा असर हवाई सेवाओं पर पड़ा है। चेन्नई एयरपोर्ट प्रशासन ने IMD की चेतावनी को देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया-शनिवार सुबह से रात तक 54 फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं।
किन-किन जगहों की फ्लाइट्स प्रभावित हुईं?
- मदुरै
- तिरुचिरापल्ली
- थूथुकुडी
- सलेम
- बेंगलुरु
- हैदराबाद
- जाफ़ना (श्रीलंका)
ATR-टाइप छोटी रिजनल फ्लाइट्स सुरक्षा जोखिम सबसे ज्यादा थीं, इसलिए उन्हें प्राथमिकता से रोका गया। एयरलाइंस ने यात्रियों को कहा है कि अंतिम समय पर एयरपोर्ट न आएं, क्योंकि हालात अचानक बदल सकते हैं।
क्या आगे और फ्लाइट्स रद्द होंगी?
IMD का कहना है कि अगले 24 घंटों में बारिश और हवाएँ और तीव्र होंगी, इसलिए यह संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
क्या तमिलनाडु में स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे? किन जिलों में छुट्टी लगी?
साइक्लोन दितवाह का सबसे बड़ा सीधा असर शिक्षा व्यवस्था पर भी दिखा। कई जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं।
आज किन जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद?
- पेरम्बलुर
- तिरुवरुर
- नागपट्टिनम
- मयिलादुथुराई
- कुड्डालोर
- कल्लाकुरिची
- पुदुकोट्टई
- पुदुचेरी
- कराईकल
जहां सिर्फ स्कूल बंद:
- विल्लुपुरम
- तंजावुर
- तिरुचि
- पॉन्डिचेरी सेंट्रल यूनिवर्सिटी ने भी सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
यह फैसला कोस्ट गार्ड की चेतावनी के बाद लिया गया कि साइक्लोन का असर अगले 48 घंटों में खतरनाक हो सकता है।
श्रीलंका में 123 मौतें: क्या तमिलनाडु में भी हालात इतने खराब हो सकते हैं?
साइक्लोन दितवाह का सबसे विनाशकारी असर अभी श्रीलंका में देखने को मिला है। डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर के अनुसार:
- 123 लोगों की मौत
- 130 लोग लापता
- 43,995 लोग राहत केंद्रों में
भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन ने कई क्षेत्रों को तबाह कर दिया है। तमिलनाडु प्रशासन आशंकित है कि यदि बारिश और हवा की रफ्तार इसी तरह बढ़ती रही, तो कुछ तटीय इलाकों में नुकसान की आशंका और बढ़ सकती है।
क्या समुद्र तटों और मछुआरों पर खतरा सबसे ज्यादा है?
- हां। समुद्र में अभी “बहुत खराब” स्थिति है, जो रविवार तक “बेहद खराब” स्तर तक जा सकती है। इसलिए:
- मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया गया है
- नावों को किनारे बांध दिया गया है
- तटीय गांवों में राहत टीमें तैयार रखी गई हैं
- तंजावुर और नागपट्टिनम में लगभग 3,500 नावों को सुरक्षित ढंग से खड़ा कर दिया गया है।
क्या रेलवे और सड़क पर भी यात्रा प्रभावित हो सकती है?
चेन्नई, मदुरै और कन्याकुमारी से रामेश्वरम जाने वाली कई ट्रेनों को मंडपम पर रोक दिया गया। यात्रियों को सरकारी बसों के जरिए द्वीप तक भेजा गया। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि पंबन एरिया में हवा और बारिश का असर सबसे ज्यादा है।
सरकार ने क्या तैयारी की है? क्या NDRF टीमें तैनात हैं?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने 14 जिलों के कलेक्टरों के साथ बैठक की है।
राज्य में:
- 16 SDRF टीमें
- 12 NDRF टीमें
- तैनात की गई हैं।
कोस्टल इलाकों में लोगों को सुरक्षित जगह भेजने की तैयारी भी की जा रही है।
भारत ने श्रीलंका को मदद क्यों भेजी?
- साइक्लोन दितवाह की वजह से श्रीलंका में भारी तबाही हुई है।
- भारत ने मानवीय सहायता अभियान "ऑपरेशन सागर बंधु" शुरू किया है।
भारत ने भेजा:
- टेंट
- तिरपाल
- कंबल
- हाइजीन किट
- रेडी-टू-ईट खाना
- NDRF की 80 सदस्यीय टीम
- विशेष प्रशिक्षित रेस्क्यू डॉग्स
IMF और श्रीलंका सरकार ने भारत का धन्यवाद किया है।
क्या आने वाले 48 घंटे सबसे महत्वपूर्ण हैं?
हां। IMD ने साफ कहा है कि आज रात से कल तक स्थिति अपने चरम पर हो सकती है। हवा की रफ्तार और बारिश दोनों बढ़ेंगे।
लोगों से अपील की गई है कि:
- घरों से बाहर न निकलें।
- बिजली पोल, पेड़ और पानी वाले इलाकों से दूर रहें।
- फेक न्यूज़ पर भरोसा न करें।
- केवल सरकारी अपडेट पर ध्यान दें।


