सार
अर्कांसस: 30 साल बाद 6 साल की बच्ची के अपहरण मामले में पुलिस को अहम सुराग मिला है। घटना अमेरिका के अर्कांसस की है। आधुनिक फोरेंसिक जांच की मदद से 6 साल की मॉर्गन निक के अपहरण के पीछे के आरोपी का पता चला है। 9 जून 1995 को ओक्लाहोमा बॉर्डर के पास अल्मा शहर में बेसबॉल ग्राउंड के पास से 6 साल की बच्ची लापता हो गई थी.
मामले की शुरुआती जांच में पुलिस के संज्ञान में आया था कि जिस जगह से बच्ची लापता हुई थी, वहां से एक लाल ट्रक संदिग्ध परिस्थितियों में निकला था। बच्ची को ढूंढने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन सालों बाद भी मॉर्गन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि करीब दस हजार सुरागों की जांच-पड़ताल के बाद हाल ही में मामले में अहम मोड़ आया है। पुलिस ने बताया कि जांच में लाल ट्रक से मिले डीएनए सैंपल से बच्ची के अपहरणकर्ता के बारे में अहम सुराग मिले हैं.
मॉर्गन के लापता होने के समय बिली जैक लिंक्स नाम के एक व्यक्ति पर शक की सुई उठी थी। पुलिस ने उसे उस समय गिरफ्तार भी कर लिया था। लेकिन पूछताछ में कुछ भी साबित न होने पर पुलिस ने उसे छोड़ दिया। 2019 में, जब जांच दल को फिर से उसके लाल ट्रक पर शक हुआ, तो उन्होंने फिर से जांच शुरू की। हालांकि, उसने यह ट्रक किसी और को बेच दिया था। इस ट्रक के नए मालिक ने मामले की जांच में पुलिस का पूरा सहयोग किया, जिससे तीन दशक बाद मामले में अहम सुराग मिला.
ट्रक से मिले एक बाल के दस महीने तक चली जांच में मामले में अहम सुराग मिला है। आधुनिक फोरेंसिक जांच से मॉर्गन के भाई-बहनों के साथ आनुवंशिक समानता का पता चला। एक अन्य मामले में शामिल बिली जैक लिंक्स की 2000 में मौत हो गई थी। लेकिन मॉर्गन के परिवार या भाई-बहनों ने उसे कभी नहीं देखा था और न ही उसके ट्रक या कार में सवार हुए थे, जिससे पुलिस को यकीन हो गया कि मॉर्गन का अपहरण बिली जैक लिंक्स ने ही किया था। पुलिस ने बताया कि भले ही मॉर्गन का पता नहीं चल सका है, लेकिन यह पुष्टि हो गई है कि उसका अपहरण उसी ने किया था, इससे मामले में फिर से उम्मीद जगी है.