सार

तालिबान का असली चेहरा सामने आने लगा है। तालिबान ने अमेरिका और नाटो सेनाओं को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान को छोड़ने की चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा कि अगर अमेरिका और नाटो फोर्स 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट नहीं छोड़ते हैं तो अंजाम बहुत बुरा होगा। तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने धमकी भरा बयान भी जारी किया है। 

काबुल। तालिबान का असली चेहरा सामने आने लगा है। तालिबान ने अमेरिका और नाटो सेनाओं को 31 अगस्त तक अफगानिस्तान को छोड़ने की चेतावनी दी है। तालिबान ने कहा कि अगर अमेरिका और नाटो फोर्स 31 अगस्त तक काबुल एयरपोर्ट नहीं छोड़ते हैं तो अंजाम बहुत बुरा होगा। तालिबानी प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने धमकी भरा बयान भी जारी किया है। 

प्रक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अगर विदेशी सेनाएं तय समय तक काबुल नहीं छोड़ती तो माना जाएगा कि अफगानिस्तान पर फिर से कब्जा जमाना चाह रहे हैं जिसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है।

फ्रांस बोला- रेस्क्यू आपरेशन में अड़चन डाले तो ठीक नहीं होगा

तालिबान की इस धमकी का फ्रांस ने जवाब दिया है। फ्रांस ने स्पष्ट कहा कि 31 अगस्त की डेडलाइन के बाद भी हम अपने नागरिकों को काबुल से निकालने का काम जारी रखेंगें। फ्रांस का यह बयान सीधे तौर पर तालिबान को चुनौती है कि अगर उसने रेस्क्यू ऑपरेशन में अड़चनें पैदा की तो ठीक नहीं होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानस्तान मुद्दे पर जर्मन चांसलर से बातचीत की

उधर, पीए नरेंद्र मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से सोमवार शाम फोन पर बात की है। पीएमओ के मुताबिक, दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान समेत कई अन्य मुद्दों पर बातचीत की। इसके साथ ही भारत और जर्मनी ने रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर भी जोर दिया। 

पीएमओ ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी और जर्मन चांसलर मर्केल ने अफगानिस्तान की सुरक्षा स्थिति और इसके दुनिया पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा की। दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान में फंसे लोगों को निकालने पर भी बातचीत की, साथ ही शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।

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