सार
वर्ल्ड डेस्क। लेबनान के हिज्बुल्लाह (Hezbollah) ने शनिवार को अपने नेता हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की मौत की पुष्टि की। इजरायल ने उसे दहियाह में स्थित हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर हवाई हमला कर मार गिराया। दहियाह में जमीन के नीचे हिज्बुल्लाह का मुख्यालय है।
जमीन के नीचे बने हिज्बुल्लाह के मुख्यालय पर हमला करने के लिए इजरायल की वायुसेना ने बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया। अल जजीरा ने बताया कि इजरायली पायलटों ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ हालिया हमले के दौरान 85 "बंकर-बस्टर" बम गिराए। ये बम जमीन के नीचे बनाए गए बंकरों को खत्म करने के लिए बने हैं। ये मजबूत कंक्रीट की इमारतों को मलबे में बदल देते हैं। बंकर बस्टर बम पहले कंक्रीट, मिट्टी या पत्थर जैसे बंकर के ऊपर मौजूद जगह में घुसते हैं। इसके बाद इसमें धमाका होता है। धमाके का ज्यादातर असर अंदर की ओर होता है। इससे बंकर तबाह हो जाता है।
हिज्बुल्लाह ने अपने मुख्यालय के लिए बहुत सुरक्षित बंकर बनाया था। नसरल्लाह किसी भी तरह बच न सके इसके लिए इजरायली एयर फोर्स ने एक दो नहीं 80 से ज्यादा बंकर बस्टर बम गिराकर उसे पूरी तरह तबाह कर दिया।
इजरायल के पास हैं GBU-39 और GBU-28 जैसे बम
इजरायल के पास अमेरिका द्वारा बनाए जाने वाले GBU-39 और GBU-28 जैसे बम हैं। उसके पास खुद के भी बेहद शक्तिशाली बंकर बस्टर बम हैं। इनका वजन 907 से 1814 किलोग्राम है। बंकर-बस्टर बम जमीन से टकराने के तुरंत बाद फटने के बजाय जमीन में गहराई तक धंस जाते हैं। मोटे स्टील से बने इस बम का उद्देश्य पूरे क्षेत्र को नष्ट करने के बजाय जमीन में गड्ढा खोदना है।
बंकर-बस्टर बम कैसे काम करते हैं?
बंकर-बस्टर बम जमीन के कई फीट नीचे टारगेट तक पहुंचने के बाद फटते हैं। ये जमीन में 30 मीटर तक घुस जाते हैं। छह मीटर मोटी कंक्रीट की दीवार को भी ये भेद देते हैं। इसके बाद बम के अंदर मौजूद विस्फोटक में धमाका होता है। बंकर के अंदर जगह बंद रहती है। इससे धमाके का असर अधिक होता है। इस तरह के बम के विस्फोट के बाद बंकर जमीन में दफ्न हो जाते हैं।
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