सार

इमरान खान को शनिवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव लाकर हटा दिया गया था। खान के नेतृत्व वाली तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस वोटिंग में भाग नहीं लिया था। इमरान खान सरकार के खिलाफ 174 वोट पड़े थे और उनकी सरकार गिर गई थी। 

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की कुर्सी से हटाए जाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सभी सदस्य नेशनल असेंबली से सामूहिक इस्तीफा देंगे। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि वह जनता का जनादेश लेकर फिर से लौटेंगे। 
पूर्व पीएम इमरान खान ने रविवार को बानी गाला में पीटीआई की केंद्रीय कोर कार्यकारी समिति (सीईसी) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा की गई।

शहबाज शरीफ के खिलाफ आपत्ति दर्ज कराएगी पीटीआई

पीटीआई के वरिष्ठ नेता और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने घोषणा की है कि अगर पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री के रूप में नामांकन के संबंध में पार्टी की आपत्ति को ध्यान नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी कल (सोमवार) नेशनल असेंबली से इस्तीफा दे देगी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया गया कि इमरान खान को सत्ता से हटाने वाले लोग विभिन्न आरोपों के दोषी हैं। उनके साथ नेशनल असेंबली में बैठने की बजाय सभी सदस्य इस्तीफा देंगे।

दरअसल, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के 70 वर्षीय छोटे भाई और विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को सोमवार को होने वाले प्रधानमंत्री चुनाव के लिए संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया गया है।

शहबाज और उनके बेटे हमजा के खिलाफ आज आएगा फैसला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी की एक विशेष अदालत उसी दिन शरीफ और उनके बेटे हमजा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित कर सकती है।

एकतरफा वोटिंग में चली गई इमरान सरकार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शनिवार को इमरान खान को नेशनल असेंबली में विश्वास मत हासिल करना था। लेकिन विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव के वोटिंग के लिए देर रात तक हाइर्ज्ञवोल्टेज ड्रामा चलता रहा। हालात ऐसे बने कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट को देर रात में खोला गया। देश भर में सुरक्षा बलों को किसी भी विपरीत परिस्थितियों से निपटने के लिए लगा दिया गया। उधर, वोटिंग की मियाद के जब कुछ मिनट बचे तो नेशनल असेंबली के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर ने अपना इस्तीफा देकर संकट पैदा करने की कोशिश की लेकिन इन इस्तीफों के बाद कार्यवाहक स्पीकर ने सदन की कार्यवही को आगे बढ़ाते हुए वोटिंग कराई। इस वोटिंग में इमरान की पार्टी के सांसदों ने भाग नहीं लिया। हालांकि,  विपक्ष ने 174 वोट सरकार के खिलाफ डालकर इमरान को सत्ता से बाहर कर दिया। 

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