सार

पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। अल अरबिया न्यूज के मुताबिक, दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी।

ईरान का हमला। पाकिस्तान और ईरान के बीच बीते साल से रिश्तें काफी खराब दौर से गुजर रहे हैं। इसी बीच ईरान के सरकारी मीडिया के हवाले से ईरान इंटरनेशनल इंग्लिश ने दावा किया है कि ईरानी फोर्स ने जैश अल-अदल के वरिष्ठ आतंकवादी समूह कमांडर इस्माइल शाहबख्श और उसके कुछ साथियों को मार डाला है। नए रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरानी सेना ने एक सशस्त्र संघर्ष में एक आतंकवादी समूह पर हमला किया।

पिछले कुछ वर्षों में जैश अल-अदल ने ईरानी सुरक्षा बलों पर कई हमले किए हैं। अल अरबिया न्यूज के मुताबिक, दिसंबर में जैश अल-अदल ने सिस्तान-बलूचिस्तान में एक पुलिस स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कम से कम 11 पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। इसके बाद ईरान ने पाकिस्तानी क्षेत्र में घुसकर मिसाइल हमला किया था, जिसमें कुल 3 लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के बाद पाकिस्तानी सरकार बौखला गई थी।

पाक-ईरान के बीच हुए थे समझौते

पिछले महीने पाक और ईरान ने एक-दूसरे के क्षेत्रों में आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमला किया था। इसके कुछ हफ्तों बाद दोनों देशों ने पारस्परिक रूप से सुरक्षा सहयोग का विस्तार करने पर सहमति व्यक्त की थी। द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी और उनके ईरानी समकक्ष होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन के बीच पाकिस्तान विदेश कार्यालय में बैठक की गई थी। 

उस वक्त जिलानी ने कहा था कि दोनों देश आपसी गलतफहमी को काफी जल्दी सुलझा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश अपने-अपने क्षेत्रों में आतंकवाद से लड़ने और एक-दूसरे की चिंताओं को दूर करने पर भी सहमत है। हालांकि, हालिया हमले ने फैसले को गलत साबित कर दिया है। 

वहीं अल अरबिया न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार जैश अल-अदल का गठन 2012 में हुआ था। इस संगठन को ईरान ने आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है। ये एक सुन्नी आतंकवादी समूह है, जो ईरान के दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में संचालित होता है।

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