सार

ईरान समर्थित हिजबुल्लाह इजरायल से लड़ रहा है। इसके पास 500km तक मार करने वाले मिसाइल हैं, जिनसे इजरायल में कहीं भी अटैक किया जा सकता है। जानें हिजबुल्लाह की सैन्य क्षमता कितनी है।

वर्ल्ड डेस्क। हिजबुल्लाह (Hezbollah) को दुनिया का सबसे भारी हथियारों से लैस गैर-स्टेट समूह माना जाता है। ईरान समर्थित इस संगठन का लेबनान के बड़े इलाके पर कब्जा है। इजरायल-गाजा संघर्ष (Israel Gaza War) शुरू होने के बाद यह फिलिस्तीनियों के समर्थन में इजरायल से लड़ रहा है।

हिजबुल्लाह पूरे इजरायल पर हमला करने में सक्षम है। इसके पास 500 किलोमीटर तक हमला करने वाली मिसाइलें हैं। इजरायल के पास इसकी तुलना में बहुत बेहतर सैन्य शक्ति है। हिजबुल्लाह के मिसाइल को इजरायल में नुकसान पहुंचाने के लिए आयरन डोम एयर डिफेंस सिस्टम को पार करना होता है। दूसरी ओर इजरायल बिना किसी रोक के हिजबुल्लाह पर हमला करता है।

हिजबुल्लाह के रॉकेट व मिसाइल और उनकी क्षमता

  • “Katyusha” 107-122mm रॉकेट, रेंज 4-40 km
  • Fajr-1/Type 63, रेंज 8-10 km
  • Falaq-1, रेंज 10-11 km
  • Falaq-2, रेंज 10-11 km
  • Shahin-1, रेंज 13 km
  • Type 81, रेंज 20.5 km
  • Fajr-3, रेंज 43 km
  • Fajr-5, रेंज 75 km
  • Raad-2/Raad-3 Uragan type, रेंज 60-70 km
  • Khaibar-1, रेंज 100 km
  • Zelzal-1, रेंज 125-160 km
  • Zelzal-2, रेंज 210 km
  • Fateh-110, रेंज 250-300 km
  • Scud-B/C/D, रेंज 300-500 km

हिजबुल्लाह के पास हैं ये ड्रोन

  • Mirsad 1/Ababil-T, रेंज 120 km
  • Mirsad 2/Mohajer 4, 150 km
  • Ma'arab/Qods Yasir, 200 km
  • Karrar, रेंज 1000 km
  • Shahed-129, रेंज, 2000 km

हिजबुल्लाह के पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम

  • SA-16/18, रेंज 0.5 km
  • SA-7, रेंज 3.4 km
  • Misagh-1/2, रेंज 5-6 km

हिजबुल्लाह के सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल

  • SA-14, रेंज 4.5 km
  • SA-8, रेंज 10 km
  • SA-22, रेंज 20 km
  • SA-17, रेंज 50 km

ईरान समर्थित लड़ाकू समूहों से घिरा हुआ है इजराइल

इजराइल ईरान समर्थित लड़ाकू समूहों से घिरा हुआ है। ये गाजा, यमन, सीरिया और इराक में फैले हुए हैं। ईरान हिजबुल्लाह को हथियार और ट्रेनिंग देता है। हिजबुल्लाह का उदय 1982 में बेरूत पर इजरायल के हमले के बाद हुआ। 2000 में इसके गुरिल्ला लड़ाकों ने इजरायली सेना को दक्षिण लेबनान से हटने के लिए मजबूर किया।

2010 के दशक में सीरिया के विद्रोह से गृहयुद्ध में बदलने पर इसने राष्ट्रपति बशर अल-असद की ओर से लड़ाई लड़ी। लगभग एक दशक तक चले इस जंग में लड़ते हुए हिज्बुल्लाह शहरी लड़ाई में एक्सपर्ट हो गया। इसने सीरिया में लड़ रहे अन्य ईरान समर्थित समूहों के साथ अपने गठबंधन को मजबूत किया। इसके पास 1.2 से 2 लाख तक रॉकेट और मिसाइल हैं। हिज्बुल्लाह के पास ईरान से मिले ड्रोन हैं। इसका इस्तेमाल यह निगरानी और हमला दोनों में करता है। सैन्य विश्लेषकों का अनुमान है कि हिजबुल्लाह के पास 30,000-50,000 लड़ाके हैं। इस साल की शुरुआत में उनके नेता हसन नसरल्लाह ने दावा किया था कि उनके समूह में 100,000 से अधिक लड़ाके हैं।

अक्टूबर 2023 से इजराइल के साथ हिज्बुल्लाह का टकराव चल रहा है। इसके चलते समूह के कमांडरों सहित 400 से ज्यादा लड़ाकों की मौत हुई है। इजराइली हमलों में लगभग 150 नागरिक मारे गए हैं। इजराइल पर भी इसका असर हुआ है। इसके उत्तरी सीमा क्षेत्र से 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। सैनिकों और नागरिकों सहित कई लोग मारे गए हैं। 

मध्य पूर्व में ईरान समर्थित समूह

  • सीरिया: ईरान सीरिया में प्रत्यक्ष रूप से मौजूद है। कई शिया मिलिशिया पर उसका प्रभाव है।
  • इराक: इराक पॉपुलर मोबिलाइजेशन यूनिट्स (पीएमयू) का घर है। यह शिया ईरान समर्थित अर्धसैनिक बलों का समूह है। इसमें शक्तिशाली कताइब हिजबुल्लाह भी शामिल है।
  • लेबनान: हिजबुल्लाह इस क्षेत्र का सबसे ताकतवर मिलिशिया है।
  • गाजा: ईरान हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद समूह का समर्थन करता है।
  • यमन: ईरान समर्थित हौथी विद्रोही लाल सागर में जहाजों पर हमला कर रहे हैं। इससे वैश्विक शिपिंग बाधित हो रही है।

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