सार

धरती के डोलने के साथ लोगों में चीख-पुकार मच गई। भूकंप के झटके सोमवार की शाम को करीब 4:10 बजे (0710 GMT) इशिकावा प्रान्त के नोटो क्षेत्र में आया। सोशल मीडिया पर जापान में आए भूकंप का वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

टोक्यो: भयानक सूनामी के पहले जापान के मध्य हिस्से में रिक्टर स्केल 7.5 तीव्रता के साथ भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप के झटके बेहद डराने वाले थे। धरती के डोलने के साथ लोगों में चीख-पुकार मच गई। भूकंप के झटके सोमवार की शाम को करीब 4:10 बजे (0710 GMT) इशिकावा प्रान्त के नोटो क्षेत्र में आया। सोशल मीडिया पर जापान में आए भूकंप का वीडियो खूब वायरल हो रहा है।

 

 

लगातार बढ़ी गई तीव्रता

जेएमए ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप होंशू के जापान सागर की ओर स्थित नोटो क्षेत्र में तेजी से भूकंप के झटके महसूस किए गए। शुरुआत स्थानीय समयानुसार शाम 4:06 बजे 5.7 तीव्रता से हुई। इसके बाद शाम 4:10 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप, 4:18 बजे 6.1 तीव्रता का भूकंप, 4:23 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप, 4:29 बजे 4.6 तीव्रता का भूकंप और शाम 4:32 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि इसके तुरंत बाद 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया। सरकार ने लोगों को अपनी सामानों की सुरक्षा करने के बजाय जीवन बचाने के लिए किसी भी ऊंची जगह पर सुरक्षित जाने का आह्वान किया है।

हवाई स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि जापान तट पर भूकंप के केंद्र के 300 किलोमीटर (190 मील) के भीतर खतरनाक सुनामी लहरें संभव थीं। इशिकावा प्रान्त के वाजिमा शहर में 1.2 मीटर की सुनामी आने की पुष्टि की गई है। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी (जेएमए) ने अलर्ट में कहा कि नोटो में पांच मीटर की ऊंची सुनामी आने की आशंका है।

जापान में बेहद सख्त हैं कंस्ट्रक्शन का काम

जापान में किसी भी इमारत को बनाने के लिए सख्त नियम हैं। यहां भूकंप की सबसे भयावह स्थित होने की वजह से घर या कोई कमर्शियल कांप्लेक्स बनाने के लिए भूकंपरोधी निर्माण में कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाती। इस सख्ती का उद्देश्य यह है कि इमारतें मजबूत भूकंपों का सामना कर सकें।

एक दशक पहले आया था भीषण भूकंप

आपदाओं को झेलने वाला जापान, करीब एक दशक पहले 2011 में भयानक भूकंप को झेल चुका है। पूर्वोत्तर जापान में समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता के साथ आए भूकंप से पूरा देश हिल गया था। सुनामी के बाद भूकंप में 18500 के आसपास लोग मारे गए थे। जापान उन झटकों से आज तक नहीं उबर सका। 2011 की सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टरों को भी नष्ट कर दिया। इसी तरह एक सदी पहले भूकंप में टोक्यो तबाह हो गया था।

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