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King Charles III Coronation: किंग चार्ल्स III की ताजपोशी, दुनियाभर के 2 हजार से अधिक मेहमान बने साक्षी
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किंग चार्ल्स III का शनिवार को ऐतिहासिक राज्याभिषेक हो गया है। वह अपनी पत्नी और क्वीन कैमिला के साथ वेस्टमिंस्टर एब्बे पहुंचे, जहां उन्हें एक धार्मिक समारोह में यूनाइटेड किंगडम के किंग का ताज पहनाया गया।
बता दें कि शाही परंपरा के अनुसार ताजपोशी के समय कई स्टेप होते हैं और इस दौरान अलग-अलग पारंपरिक गद्दियों और सिंहासनों का उपयोग किया जाता है।
राज्याभिषेक के दौरान महाराजा चार्ल्स और उनकी पत्नी महारानी कैमिला अलग-अलग क्षणों में ‘सेंट एडवर्ड्स चेयर’, ‘चेयर्स ऑफ स्टेट’ और ‘थ्रोन चेयर्स’ पर बैठे।
इस दौरान ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक ने किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक समारोह में ‘बिब्लिकल बुक ऑफ कोलोसियन’यानी बाइबिल के कुछ अंश पढ़े। बता दें कि सुनक ब्रिटेन के भारतीय मूल के पहले प्रधानमंत्री हैं और हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं। बाइबिल पढ़कर उन्होंने ईसाई समारोह की आस्था बहु-विश्वास को आगे बढ़ाया।
आखिर में किंग ने 17वीं सदी का सेंट एडवर्ड क्राउन पहना, जो सॉलिड गोल्ड से बना हुआ है। इसका वजन लगभग ढाई किलो है।
इसे सिर्फ राज्याभिषेक के दौरान पहना जाता है, जो कि प्रतीकात्मक होता है। राज्याभिषेक के बाद इसे सहेजकर रख दिया जाता है।
इस बीच किंग चार्ल्स और उनकी पत्नी कैमिला वेस्टमिंस्टर एब्बे में ऐतिहासिक राज्याभिषेक के लिए एक धार्मिक समारोह में पहुंचे।
शाही जोड़े ने बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एब्बे 2.2 किलोमीटर की यात्रा की। किंग चार्ल्स और महारानी कैमिला घोड़े से चलने वाली बग्घी में बैठकर बेस्टमिंस्टर एबे पहुंचेंगे।
यह बग्घी चार टन वजनी है और इसमें बिजली से चलने वाली खिड़कियां और एयर कंडीशन की सुविधा है। इस बग्घी को डायमंड जुबली स्टेट कोच कहा जाता है। यह बग्घी 1767 से शाही परिवार के पास है।
बता दें कि किंग चार्ल्स राज्याभिषेक समारोह में 2000 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें 100 देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हैं।