सार

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अलर्ट जारी किया है कि 99 फुट का एक क्षुद्रग्रह 21840 kmph की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। राहत की बात है कि इसके धरती से टकराने की संभावना नहीं है।

 

वर्ल्ड डेस्क। 400 फुट के विशाल क्षुद्रग्रह (Asteroid) के पृथ्वी से टकराने से चूक जाने के मात्र एक दिन बाद सोमवार को एक और क्षुद्रग्रह पृथ्वी के सबसे निकट पहुंचने वाला है। 99 फुट का यह क्षुद्रग्रह 21840 kmph की रफ्तार से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। नासा ने चेतावनी दी है कि यह पृथ्वी के बेहद करीब से गुजरेगा। 

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा पृथ्वी के पास आने वाली सभी वस्तुओं पर नजर रखती है। यह इस बात पर भी ध्यान रखती है कि कोई क्षुद्रग्रह किस रफ्तार से धरती के पास आ रहा है। उसके पृथ्वी से टकराने की संभावना कितनी है। 99 फुट का जो क्षुद्रग्रह धरती की ओर बढ़ रहा है उसे 2023 HB7 नाम दिया गया है। यह धरती के सबसे करीब 3,490,000 मील दूरी तक पहुंचेगा।

क्षुद्रग्रह 2023 HB7 से नहीं धरती को खतरा
नासा ने इस क्षुद्रग्रह के बारे में जानकारी शेयर की है। यह एटेन समूह के क्षुद्रग्रहों से संबंधित है। इसे पृथ्वी के निकट वस्तु (NEO) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसे संभावित रूप से खतरनाक क्षुद्रग्रह नहीं कहा गया है। इसके धरती पर गिरने का खतरा नहीं है। क्षुद्रग्रह अपनी वर्तमान कक्षा को बनाए रखेगा। यह धरती से 3,490,000 मील करीब आएगा फिर दूर चला जाएगा।

2025 में वापस आएगा यह क्षुद्रग्रह
क्षुद्रग्रह 2023 HB7 की रफ्तार 6.07 किलोमीटर प्रति सेकंड है। किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से यह 21840 kmph की गति से यात्रा कर रहा है। इस क्षुद्रग्रह का सबसे पहला उल्लेख स्मॉल-बॉडी डेटाबेस लुकअप में वर्ष 1904 में मिलता है। नासा के अनुसार यह क्षुद्रग्रह जुलाई 2025 में वापस आएगा। उस समय क्षुद्रग्रह की गति 67866 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है।

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क्या होता है क्षुद्रग्रह?

क्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले चट्टानी खनिजों का छोटा टुकड़ा है। यह इतना छोटा होता है कि इसका अपना गुरुत्वाकर्षण बल नहीं होता। वे आम तौर पर उन्हीं सामग्रियों से बने हैं जिनसे आंतरिक सौरमंडल के चट्टानी ग्रह बने हैं। अधिकांश क्षुद्रग्रह मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच क्षुद्रग्रह बेल्ट में परिक्रमा करते हैं। हमारे आंतरिक सौर मंडल में 150 मिलियन से अधिक क्षुद्रग्रह हो सकते हैं। इसमें 100 मीटर (लगभग 330 फीट) से बड़े आकार के पिंड शामिल हैं।

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