सार

पोलैंड में यूक्रेन बॉर्डर से लगभग 25 किलोमीटर दूर Przewodow गांव में ये मिसाइल गिरी थी। इस मिसाइल ने पोलैंड के दो लोगों की जान ले ली।

पोलैंड. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine) के बाद अब रूस और पोलैंड (Russia Poland) के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। हाल ही में पोलैंड में गिरी एक मिसाइल ने दो लोगों की जान ले ली, जिसके बाद यूरोपीय देश पाेलैंड भी अब कड़ा रुख अपना सकता है। NATO देशों के साथ मिलकर पोलैंड रूस के खिलाफ आर्टिकल  4 व 5 लागू कर सकता है।

क्या रूस ने किया पोलैंड पर हमला?

आर्टिकल 4 व 5 (NATO's article 4, 5) से पहले हम आपको बताते हैं कि आखिर पोलैंड पर ये मिसाइल हमला कहां हुआ। दरअसल, पोलैंड में यूक्रेन बॉर्डर से लगभग 25 किलोमीटर दूर Przewodow इलाके में ये मिसाइल गिरी थी। इस मिसाइल ने पोलैंड के दो लोगों की जान ले ली। पोलैंड के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कहा गया कि मिसाइल रूस में बनी हुई थी। हालांकि, इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि मिसाइल कहां से दागी गई। इस घटना के बाद पोलैंड का माहौल गरमाया हुआ है। एक ओर विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि ये हमारे लिए काफी मुश्किल भरा समय है, फिर भी हम शांति से काम ले रहे हैं। वहीं दूसरी ओर पोलैंड के सेक्रेटरी जनरल जेंस स्टॉल्टनबर्ग (Jens Stoltenberg) ने कहा कि नाटो देश इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। अगर ये रूस की गलती निकलती है, तो इसे पूरे नाटो एलाइंस पर हमला माना जाएगा।

पोलैंड के Przewodow इलाके में गिरी थी मिसाइल।

अगर रूस की गलती निकली तो?

पोलैंड की ओर से यही कहा जा रहा है कि इस मिसाइल को लेकर जांच जारी है। उसे अभी तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जिससे ये सिद्ध हो सके कि मिसाइल रूस ने दागी थी। लेकिन अगर ये बात सामने आती है कि रूस ही इसके पीछे है, तो NATO देश मिलकर आर्टिकल 4 व 5 लागू कर सकते हैं। ऐसे में रूस की काफी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

क्या है NATO का आर्टिकल 4 व 5?

दरअसल, नाटो का आर्टिकल 4 कहता है कि जब भी किसी सदस्य देश को किसी दूसरे देश से राजनीतिक स्वतंत्रता, सुरक्षा या किसी भी अन्य प्रकार का खतरा होता है तब सभी देशों की एक बैठक बुलाई जा सकती है, जिसमें इस खतरे से निपटने के लिए प्रभावी तरीकों के बारे में सर्वसम्मति से फैसला लिया जा सकता है। वहीं आर्टिकल 5 कहता है कि अगर किसी सदस्य देश के खिलाफ हथियारों से हमला हाेता है, तो इसे सभी देशों पर हमला माना जाएगा और सभी इसके खिलाफ जरूरी कदम उठा सकते हैं।

आर्टिकल 5 क्यों है खतरनाक?

आर्टिकल पांच के मुताबिक पीड़ित देश के अनुरोध पर नाटो एलाइंस के सभी देश साथ आकर बैठक ले सकते हैं। इस बैठक में सैन्य प्रतिक्रिया संबंधी फैसले लिए जाते हैं। जिसके बाद देश सैन्य सहायता, हथियारों से लेकर कई तरह की मदद आपस में कर सकते हैं। इसी के साथ किसी देश विशेष के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती। बता दें कि, आर्टिकल 5 सबसे पहले 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के 24 घंटे बाद लागू हुआ था। अमेरिका के अनुरोध पर नाटो ने आर्टिकल-5 लागू करते हुए उसकी मदद के लिए ऑपरेशन असिस्ट शुरू किया था।

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