सार

पूर्व प्रधान मंत्री खान की पीटीआई की अगुवाई वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में एक पाकिस्तानी अदालत द्वारा घोषित अपराधी घोषित किए जाने के बाद शरीफ का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया था।

Nawaz Sharif Pakistan return: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ दिसंबर में अपने देश लौटेंगे। इलाज कराने के बहाने देश से बाहर गए पीएमएल-एन चीफ, इंग्लैंड गए थे और फिर तभी से लंदन में रहे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के सुप्रीमो नवाज शरीफ लंदन में आत्म-निर्वासन समाप्त कर दिसंबर में वापस लौटेंगे। वह देश में होने वाले आम चुनावों के लिए पार्टी का नेतृत्व करेंगे। नवाज शरीफ की वतन वापसी को लेकर यह खबर उनके राजनयिक पासपोर्ट जारी किए जाने के बाद आई है। एक दिन पहले ही पूर्व प्रधान मंत्री को पाकिस्तान सरकार ने राजनयिक पासपोर्ट दिया था।

इमरान खान सरकार ने राजनयिक पासपोर्ट कर दिया था रद्द

पूर्व प्रधान मंत्री खान की पीटीआई की अगुवाई वाली सरकार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में एक पाकिस्तानी अदालत द्वारा घोषित अपराधी घोषित किए जाने के बाद शरीफ का राजनयिक पासपोर्ट रद्द कर दिया था। बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधान मंत्री अपनी बेटी मरियम नवाज शरीफ के साथ पाकिस्तान लौटेंगे जो सितंबर के अंत में इस्लामाबाद हाईकोर्ट द्वारा एवेनफील्ड संपत्ति मामले में उन्हें बरी करने के बाद लंदन की एक महीने की यात्रा पर हैं। पीएमएल-एन नेता पिछले महीने तीन साल बाद अपने निर्वासित पिता से मिलने लंदन गई थीं क्योंकि अदालत ने मरियम नवाज शरीफ के मामले में बरी होने के बाद उनका पासपोर्ट वापस करने का भी आदेश दिया था।

देश में जल्द चुनाव कराने के लिए इमरान खान लगातार बना रहे दबाव

विपक्ष के नेता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान हकीकी आजादी मार्च निकालकर पूरे देश में आंदोलन चला रहे हैं। इमरान खान देश में जल्द से जल्द आम चुनाव कराने के लिए मार्च निकाले हैं। इमरान खान को आंदोलन से काफी सपोर्ट मिल रहा है। उधर, वजीराबाद में उन पर हुए हमले के बाद लोगों की सहानुभूति इमरान खान के प्रति बढ़ गई है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार के लिए अहम फैसले लेने में तमाम तरह के मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, इमरान खान लगातार सरकार पर भी हमलावर हैं। 

शहबाज और नवाज की हो चुकी है लंदन में अहम मीटिंग

बीते दिनों शहबाज शरीफ, अपने बड़े भाई और पार्टी मुखिया से मिलने लंदन पहुंचे थे। इस मुलाकात के दौरान देश के राजनीतिक हालात के साथ साथ सेना प्रमुख की नियुक्ति पर भी अहम चर्चा की गई थी। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नवाज शरीफ ने पीएम शहबाज शरीफ को इमरान खान की एक भी मांग न मानने और अपने मुताबिक सेना प्रमुख चयन करने का सुझाव दिया था। लेकिन माना जा रहा है कि नवाज शरीफ के देश में न होने से पार्टी भी संगठनात्मक निर्णय समय से नहीं ले पा रही है और सरकार को भी तात्कालिक फैसलों को लेने और गठबंधन दलों से सहमति में थोड़ी दिक्कतें पेश आ रही है। 

2019 से लंदन में हैं नवाज शरीफ

पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ करीब तीन साल पहले लंदन गए थे। वह 2019 से लंदन में हैं। दिसंबर 2018 में नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि होने के बाद सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई। इसके बाद वह इलाज के लिए अनुमति लेकर विदेश गए लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटे हैं। 

अविश्वास प्रस्ताव से इमरान खान को हटाकर पीएमएल-एन ने बनाई सरकार

दरअसल, बीते महीनों तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनको हटाया गया था। इसके बाद नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन ने कई दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई थी। शहबाज शरीफ देश के नए प्रधानमंत्री बने थे। वर्तमान नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में समाप्त होगा। लेकिन पद से हटाए जाने के बाद पूर्व पीएम इमरान खान लगातार चुनाव कराने की मांग को लेकर जनता के बीच पहुंच रहे हैं और सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं।

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