सार
गगनचुंबी इमारतों के लिए दुनिया भर में मशहूर न्यूयॉर्क सिटी लगातार धंसता जा रहा है। साइंटिस्ट का कहना है कि शहर सालाना 1 से 2 मिमी धंस रहा है।
न्यूयॉर्क: जैसे-जैसे दुनिया गर्म हो रही है। दुनिया भर में समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, जिससे तटीय शहर असुरक्षित होते जा रहे हैं। इस बीच जियोलॉजिस्ट ने कहा है कि अमेरिका का न्यूयॉर्क सिटी भी लगातार धंसता जा रहा है। गगनचुंबी इमारतों के लिए दुनिया भर में मशहूर यह शहर जलवायु परिवर्तन, समुद्र के बढ़ते स्तर और ऊंची इमारतों के वजन से तिहरे खतरे का सामना कर रहा है।
साइंटिस्ट्स ने संकेत दिया है कि लगातार बढ़ते निर्माण का बोझ और समुद्र के स्तर में वृद्धि से बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। अगर ऐसे ही हालात बने रहे थे, तो शहर बाढ़ में डूब सकता है। एडवांसिंग अर्थ एंड स्पेस साइंस (Advancing Earth and Space Science) मैगजीन में छपी एक स्टडी में रिसर्चर्स ने इस बात पर रोशनी डाली है कि कैसे न्यूयॉर्क शहर समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी कर रहा है।
न्यूयॉर्क शहर को एक उदाहरण मानते हुए रिसर्चर की टीम ने दिखाया कि कैसे दुनिया भर के तटीय शहर इस तरह की समस्याओं का सामना कर रहे हैं। गौरतलब है कि इसी तरह की घटना हाल ही में भारत के उत्तराखंड के जोशीमठ शहर में देखी गई, जहां घरों में बड़े पैमाने पर दरारें आ गई थीं।
सालाना 1 से 2 मिमी धंस रहा है शहर
रोड आइलैंड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ ओशनोग्राफी के रिसर्चर्स ने कहा कि न्यूयॉर्क की तरह कई शहरों को धसते हुए देखा जा रहा है, जिससे तटीय शहरों में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि न्यूयॉर्क शहर में 80 लाख लोग रहते हैं। यह शहर सालाना 1-2 मिली मीटर धंस रहा है। वहीं, कुछ इलाकों में शहर को बहुत तेजी से धंसते हुए देखा जा रहा है।
न्यूयॉर्क समुद्र स्तर बढ़ने का ज्यादा खतरा
उन्होंने बताया कि न्यूयॉर्क शहर पहले से ही बाढ़ के खतरों का सामना कर रहा है, क्योंकि उत्तरी अमेरिका के अटलांटिक तट पर समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी का खतरा वैश्विक औसत से तीन से चार गुना अधिक है। रिसर्च में कहा गया कि सन 2100 तक न्यूयॉर्क 500 से 1,500 मिमी तक नीचे धंस सकता है।
न्यूयॉर्क में दो बार भारी तबाही
रिसर्चर्स ने शहर पर पड़ने वाले लोड की प्रोफाइल बनाने के लिए एक लाख इमारतों को नालाइज किया। बता दें कि न्यूयॉर्क शहर पहले ही दो विनाशकारी तूफानों का सामना कर चुका है, जिससे शहर में भयंकर बाढ़ आ गई थी। 2012 में आए हरिकेन सैंडी तूफान ने शहर में समुद्री पानी को भर दिया था, जबकि 2021 में तूफान इडा के कारण भारी बारिश हुई थी।