Pakistan army fight with TTP: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में सेना और TTP विद्रोहियों के बीच भीषण जंग हुई है। दो अलग-अलग मुठभेड़ में सेना के 12 जवानों के मारे जाने की खबर है। 35 विद्रोही मारे गए हैं।
Encounter in Pakistan: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में दो अलग-अलग मुठभेड़ में 12 सैनिकों की मौत हुई है। गोलीबारी में TTP (Tehreek-e-Taliban Pakistan) के 35 विद्रोही मारे गए हैं। TTP पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन है। ISPR के अनुसार मारे गए आतंकियों में अफगान नागरिक शामिल हैं।
ISPR ने बताया TTP के खिलाफ चार दिन से चल रहा अभियान
पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा ISPR (Inter Services Public Relations) ने शनिवार को बताया कि TTP के खिलाफ पिछले 4 दिनों से अभियान चल रहा है। सुरक्षा बलों ने बाजौर जिले में खुफिया जानकारी के आधार पर अभियान चलाया। इस दौरान हुई भीषण गोलीबारी में टीटीपी के 22 आतंकी मारे गए। दक्षिण वजीरिस्तान जिले में एक और मुठभेड़ हुई। इसमें 13 टीटीपी आतंकवादी मारे गए और 12 सैनिकों की जान गई।
अफगान नागरिक पाकिस्तान में कर रहे आतंकी वारदात
ISPR ने बताया है कि मुठभेड़ के बाद आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। इन आतंकवादी घटनाओं में अफगान नागरिक शामिल हैं। ISPR ने कहा कि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार अपनी जिम्मेदारियों को निभाएगी और इस्लामाबाद के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगी।
ISPR ने कहा कि इलाके में किसी भी अन्य आतंकवादी को खत्म करने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बता दें कि नवंबर 2022 में टीटीपी द्वारा सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौता खत्म किया गया था। इसके बाद पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़ी घटनाएं बढ़ीं हैं।
पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आतंकवादियों ने घात लगाकर किया हमला
AFP की रिपोर्ट के अनुसार दक्षिणी वजीरिस्तान में शनिवार तड़के करीब 4 बजे पाकिस्तानी सेना के काफिले पर आतंकवादियों ने घात लगाकर हमला किया। इसके चलते कम से कम 12 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए।
यह भी पढ़ें- Arab Islamic Summit: कतर में जुटने जा रहे अरब-इस्लामी देशों के नेता, इजरायली हमले पर बनेगी एक राय
हथियारबंद लोगों ने दोनों तरफ से भारी हथियारों से गोलीबारी की। हमलावरों ने सैनिकों के हथियार छीन लिए। TTP ने सोशल मीडिया पर इसकी जिम्मेदारी ली है। पाकिस्तानी तालिबान के नाम से भी जाना जाने वाला यह समूह खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में लगातार हमले करता रहा है। इस प्रांत के बड़े इलाके पर कभी इसका कब्जा था। 2014 के सैन्य अभियान के बाद इसे पीछे हटना पड़ा।
यह भी पढ़ें- म्यांमार की सेना ने स्कूल पर गिराए 500 पाउंड के दो बम, 19 छात्रों की मौत, UN ने कही ये बात
