सार
2015 में जब CPEC ने रफ्तार पकड़ी तो चीन के हजारों कर्मचारी पाकिस्तान आए। चीन ने अपने लोगों जो विभिन्न प्रोजेक्ट में पाकिस्तान में रहने लगे थे, उनके लिए देश के विभिन्न हिस्सों में शराब उपलब्ध कराने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया।
नई दिल्ली। कट्टरपंथियों के आगे नतमस्तक इमरान सरकार (Imran Khan Government) अब उनके दबाव में चीन (China) के खिलाफ जाने लगा है। एक तरफ जहां चीन ने सुरक्षा के मुद्दे पर चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) का काम काफी दिनों से बंद कर रखा है तो उधर, पाकिस्तान (Pakistan) ने बलूचिस्तान (Balochistan) में कट्टरपंथियों के विरोध के चलते चीन की बीयर और वाइन फैक्ट्रीज को बंद कर दिया गया है। यही नहीं चीन की वाइन शॉप्स भी बंद कर दी गई हैं। दरअसल, बलूचिस्तान में चीन का जबर्दस्त विरोध हो रहा है। बीते दिनों से चीन के इस प्रोजेक्ट के खिलाफ बलोचिस्तान में प्रदर्शन भी किया जा रहा है। विरोध प्रदर्शन के करीब 20 दिन होने को है।
चीन के बढ़े दखल के बाद चीनी फैक्ट्रियां भी खुली
2015 में जब CPEC ने रफ्तार पकड़ी तो चीन के हजारों कर्मचारी पाकिस्तान आए। चीन में शराब जिस तरह मिलती है, पाकिस्तान में वैसा नहीं है। यहां होटलों और दुकानों को परमिट लेना होता है। ऐसे में चीन ने अपने लोगों जो विभिन्न प्रोजेक्ट में पाकिस्तान में रहने लगे थे, उनके लिए देश के विभिन्न हिस्सों में शराब उपलब्ध कराने के लिए लाइसेंस के लिए आवेदन किया। चीनी कंपनी हुई (Hui Coastal Brewery and Distillery Limited) ने 2017 में लाइसेंस के लिए अप्लाई किया। एक साल बाद यह मिल गया। पिछले महीने जब रोड प्रोजेक्ट के खिलाफ बलूचिस्तान के ग्वादर समेत अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए तो कट्टरपंथी पार्टियां भी इसमें शामिल हो गईं और उनके दबाव में बीयर-वाइन फैक्ट्री और दुकानें कथित तौर पर बंद करनी पड़ीं।
चीन की शराब स्थानीय लोग भी पी रहे
दरअसल, चीन ने शराब की फैक्ट्रियां खोलने के साथ देश के विभिन्न हिस्सों में दुकानें भी खोल ली है। ऐसे में वह बड़े पैमाने पर शराब की सप्लाई कर रहा है। इसका इस्तेमाल केवल चीनी ही नहीं कर रहे हैं स्थानीय लोग भी कर रहे हैं। अब कट्टरपंथी पार्टियां इसके विरोध में उतर आई हैं। सीपीईसी के विरोध के साथ साथ इन दुकानों का भी विरोध शुरू हो चुका है।
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