परवेज मुशर्रफ ने रची थी कारगिल जंग की साजिश, इन कामों के लिए रखा जाएगा याद
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1- परवेज मुशर्रफ ने नौ साल तक पाकिस्तान पर शासन किया। उन्होंने खुद को एक प्रगतिशील मुस्लिम नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की थी। परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। विभाजन के बाद उनके माता पिता 1947 में पाकिस्तान चले गए थे।
2- भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान की यात्रा की थी। उन्होंने लाहौर में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के साथ शांति समझौते पर साइन किया था। इसके चंद महीनों बाद ही परवेज ने कारगिल में पाकिस्तानी सेना और आतंकियों का घुसपैठ कराकर भारत की पीठ में खंजर घोंप दिया था।
3- कारगिल की जंग में भारत से हारने के बाद मुशर्रफ ने 1999 में नवाज शरीफ की सरकार को तख्तापलट कर गिरा दिया था और पाकिस्तान की सत्ता पर कब्जा कर लिया था। उन्होंने 1999 से 2008 तक पाकिस्तान पर शासन किया। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव में 2008 में उन्होंने चुनावों की घोषणा की थी और राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। बाद में वह दुबई चले गए थे। 2010 में उन्होंने पार्टी ऑल पाकिस्तान मुस्लिम लीग बनाई थी।
4- करीब पांच साल तक स्व-निर्वासन में रहने के बाद मार्च 2013 में वह चुनाव लड़ने के लिए पाकिस्तान लौटे थे। चुनाव में हारने के बाद उन्हें विभिन्न मामलों में अदालत में घसीटा गया। उनके खिलाफ 2007 में पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या, बुगती जनजाति के प्रमुख नवाब अकबर खान बुगती की हत्या और पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 6 के तहत राजद्रोह के मामले चलाए गए। जनरल मुशर्रफ के आदेश पर 2006 में पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के गवर्नर बुगती और उनके दो दर्जन से अधिक आदिवासियों को मार डाला था।
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5- 2019 में मुशर्रफ को एक विशेष अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई गई थी। उन्हें 3 नवंबर 2007 को संविधान को निलंबित करने और आपातकाल लागू करने के लिए राजद्रोह का दोषी पाया था। पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद से अधिकतर समय तक देश पर राज करने वाली सेना कोर्ट के इस फैसले से नाराज हो गई थी। यह पहली था कि किसी पूर्व सेना अध्यक्ष को फांसी की सजा सुनाई जाए। मौत की सजा को बाद में लाहौर हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था।
6- मुशर्रफ मार्च 2016 से दुबई में रह रहे थे। उन्हें बेनजीर भुट्टो हत्याकांड और लाल मस्जिद के मौलवी की हत्या के मामले में भी भगोड़ा घोषित किया गया था। अमेरिका पर 9/11 के हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में मुशर्रफ ने अमेरिका के साथ गठबंधन किया था। उन्होंने खुद को एक उदारवादी और प्रगतिशील मुस्लिम नेता के रूप में पेश करने का प्रयास किया था। कट्टरपंथियों ने कई बार उनकी हत्या की कोशिश की, लेकिन वह बच गए थे। मुशर्रफ ने 2001 में भारत का दौरा किया था। 2005 में वह राष्ट्रपति के रूप में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देखने और 2009 में सत्ता छोड़ने के बाद एक मीडिया कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भारत आए थे।
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