सार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के बाद अब सरकार पत्रकारों पर भी अत्याचार कर रही है। यहां इमरान खान सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आवाज उठाने पर एक पत्रकार को किडनैप कर लिया गया। हालांकि, विवाद बढ़ता देख उसे 12 घंटे बाद छोड़ दिया गया है।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के बाद अब सरकार पत्रकारों पर भी अत्याचार कर रही है। यहां इमरान खान सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आवाज उठाने पर एक पत्रकार को किडनैप कर लिया गया। हालांकि, विवाद बढ़ता देख उसे 12 घंटे बाद छोड़ दिया गया है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी जर्नलिस्ट मतीउल्लाह जेन को सुप्रीम कोर्ट में इमरान सरकार के खिलाफ चल रहे मामले में गवाही देनी थी। ऐसे में माना जा रहा है कि इस पूरी घटना के पीछे इमरान सरकार की चाल हो सकती है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो सका कि जेन को किसने और क्यों किडनैप किया था और बाद में इतनी आसानी से कैसे छोड़ दिया।
मतीउल्लाह के अगवाह होने के बाद ही इमरान सरकार निशाने पर आ गई थी। कुछ विदेशी राजदूतों ने भी मतीउल्लाह की तुरंत सुरक्षित रिहाई की मांग की थी। मतीउल्लाह
को जब किडनैप किया गया, तब वे एक सरकारी स्कूल गए थे।
दबाव में आई सरकार
पत्रकार की किडनैपिंग का वीडियो भी सामने आया था। इसमें दिख रहा था कि कुछ लोगों ने अचानक मतीउल्लाह पर हमला किया था। कुछ लोग फौजी वर्दी भी पहने थे। इन लोगों ने मतीउल्लाह को काले रंग की कार में डालकर किडनैप कर लिया था। किडनैपिंग की खबर के बाद से ही हर तरफ इमरान सरकार का विरोध हो रहा था। इतना ही नहीं, कनाडा समेत तमाम देशों के राजदूतों ने भी ट्वीट कर रिहाई की मांग की थी। विपक्षी नेताओं ने संसद में भी पत्रकार के अगवा होने का मुद्दा उठाया था।
मतीउल्लाह के पास हैं सरकार और फौज से जुड़ीं जानकारियां
मतीउल्लाह की सरकार से क्या दुश्मनी है, इस पर दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। पहला, बताया जा रहा है कि उन्होंने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से शिकायत कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट की कुछ अंदरूनी बातें लीक की जा रही हैं। इसके अलावा जस्टिस ईसा की इमेज खराब की जा रही है। जस्टिस ईसा के कुछ फैसलों पर इमरान सरकार ने भी नाखुशी जाहिर की थी। उधर, अपनी शिकायत को लेकर जेन को कोर्ट की अवमानना के मामले में गवाही के लिए पेश होना था।
वहीं, सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि मतीउल्लाह के पास फौज और इमरान सरकार से जुड़ीं कुछ जानकारियां हैं। किडनैपिंग के वक्त मतीउल्लाह ने अपना फोन भी फेंक दिया था। लेकिन एक किडनैपर ने तुरंत उठा लिया। उधर, इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने होम सेक्रेटरी और तमाम आला अधिकारियों से कहा था- जर्नलिस्ट जल्द और सुरक्षित रिहा होना चाहिए। वरना आपको नतीजे भुगतने होंगे।
कैसे हुई रिहाई?
पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, जेन को इस्लामाबाद के सुनसान इलाके फतेह जंग में मंगलवार रात 11 बजे छोड़ा गया। उनका फोन अभी भी वापस नहीं किया गया। यहां से वे अपने घर पहुंचे। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन्हें किन लोगों ने अगवा किया था।