सार
नेपाल में शुक्रवार की रात उपछाया चंद्र ग्रहण दिखा। उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान पूरा चंद्रमा धरती की उपछाया में होता है। इसके चलते चंद्रमा की चमक कम हो जाती है।
काठमांडू। शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात उपछाया चंद्र ग्रहण लग रहा है। इसमें धरती की छाया चंद्रमा पर पड़ती है, जिससे चंद्रमा का रंग बदल जाता है। नेपाल के आसमान में यह चंद्र ग्रहण नजर आया है। चंद्रग्रहण शुक्रवार रात 8:59 बजे शुरू हुआ। यह रात 1:16 बजे तक दिखेगा। नई दिल्ली में भी चंद्रमा का रंग कुछ बदला सा दिखा।
क्यों लगता है चंद्र ग्रहण?
चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है। यह पृथ्वी के चक्कर काटता है। सूरज की रोशनी चंद्रमा पर पड़ती है, जिसके चलते यह हमें चमकता दिखाई देता है, लेकिन जब चंद्रमा और सूरज के बीच धरती आ जाती है तब चंद्रमा पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती। ऐसे में चंद्र ग्रहण लगता है। चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन लगता है।
क्या है उपछाया चंद्र ग्रहण?
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। चंद्रमा पर धरती की दो तरह की छाया पड़ती है। एक घनी छाया और दूसरी उपछाया। घनी छाया पड़ने पर चंद्रमा पूरी तरह ढंक जाता है और हमें दिखाई नहीं देता। पूरा चंद्रमा अगर पृथ्वी की घनी छाया में हो तो पूर्ण चंद्र ग्रहण लगता है। वहीं, अगर चंद्रमा का कुछ हिस्सा घनी छाया और कुछ हिस्सा उपछाया में हो तो आंशिक चंद्र ग्रहण लगता है। इसमें हमें चंद्रमा का कुछ हिस्सा पूरे ग्रहण के दौरान नजर आता है। उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान पूरा चंद्रमा धरती की उपछाया में होता है। इसके चलते चंद्रमा की चमक कम हो जाती है।
उपछाया चंद्र ग्रहण देखना है मुश्किल
नंगी आंखों से उपछाया चंद्र ग्रहण देखना मुश्किल होता है। इस दौरान चंद्रमा थोड़ा धुंधला दिखता है। इसे दूरबीन या कैमरे की मदद से देखा जा सकता है। इस ग्रहण के अस्तित्व को वैज्ञानिक मान्यता में स्वीकार किया गया है, लेकिन धार्मिक ग्रंथों में इसे स्वीकार नहीं किया गया है। इसलिए इस ग्रहण पर कोई भी धार्मिक या सांस्कृतिक मान्यता लागू नहीं होती है। उपछाया चंद्र ग्रहण के दौरान किसी तरह की खास सावधानी बरतने की जरूरत नहीं होती।