सार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन की मिस्र यात्रा पर हैं। वह अल-हकीम मस्जिद गए। इसके बाद हेलियोपोलिस युद्ध-स्मारक गए। पीएम ने जवानों को श्रद्धांजलि दी। 

 

काहिरा। दो दिन के मिस्र यात्रा (PM Modi Egypt visit) के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को राजधानी काहिरा स्थित अल-हकीम मस्जिद और हेलियोपोलिस युद्ध-स्मारक गए। यह युद्ध स्मारक प्रथम विश्वयुद्ध में मिस्र और फलस्तीन के अभियानों में शहीद हुए 3,727 भारतीय सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है। नरेंद्र मोदी शनिवार को काहिरा पहुंचे थे। भारतीय समुदाय ने उनका जोरदार स्वागत किया। पीएम ने भारत-मिस्र संबंधों को मजबूत बनाने में भारतीय समुदाय के योगदान की सराहना की।

1997 मिस्र आए हैं भारतीय प्रधानमंत्री

गौरतलब है कि 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की मिस्र की यह पहली आधिकारिक यात्रा है। वह राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सीसी के निमंत्रण पर मिस्र की यात्रा कर रहे हैं। राष्ट्रपति सिसी 26 जनवरी 2023 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने नरेंद्र मोदी को मिस्र आमंत्रित किया था। पिछले कुछ समय में भारत और मिस्र के संबंध में नई गर्मजोशी आई है। मिस्र के साथ भारत का संबंध रणनीतिक साझेदारी स्तर पर पहुंच गया है।

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एक हजार साल पुरानी है अल-हकीम मस्जिद

गौरतलब है कि अल-हकीम मस्जिद 1,000 साल पुरानी है। यह दाऊदी मुस्लिम समुदाय पर केंद्रित है। इस मस्जिद का नाम 16वें फातिमिद खलीफा अल-हकीम द्वि-अम्र अल्लाह (985-1021) के नाम पर रखा गया है। दाऊदी बोहरा मुसलमान इस्लाम के अनुयायियों का एक संप्रदाय है। यह संप्रदाय फातिमी इस्माइली तैयबी विचारधारा का पालन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह संप्रदाय मिस्र से उत्पन्न हुआ और बाद में यमन चला गया। दाऊदी बोहरा मुसलमान 11वीं सदी में भारत में बस गए। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत में बोहरा मुसलमानों की आबादी 5 लाख है। गुजरात के सूरत में बोहरा मुस्लिमों की अच्छी आबादी है। इसके साथ ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी बोहरा मुसलमान रहते हैं।