सार

उज़्बेकिस्तान(Uzbekistan) के शहर समरकंद में 15 और 16 सितंबर को शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के शिखर सम्मेलन में चीन और रूस के बीच लंबी बातचीत हुई। अब दुनिया नजरें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिकी हैं। भारत के लिए यह सम्मेलन काफी अहमियत रखता है।

समरकंद(Samarkand). शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (Shanghai Cooperation Organization Summit) में शिरकत करने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Modi) उज़्बेकिस्तान(Uzbekistan) के शहर समरकंद(Samarkand) में हैं। यह सम्मेलन 15 और 16 सितंबर को हो रहा है। सम्मेलन में जुटने वाले नेता दो दशक के शंघाई सहयोग संगठन की गतिविधियों का रिव्यू कर रहे हैं। 

जानिए शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के बारे में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गुरुवार को उज्बेकिस्तान के ऐतिहासिक शहर समरकंद पहुंचे, जो क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों, व्यापार और ऊर्जा आपूर्ति को बढ़ावा देने सहित अन्य मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए तैयार है। एससीओ दो साल बाद उज्बेकिस्तान के समरकंद में अपना पहला इन-पर्सन शिखर सम्मेलन आयोजित कर रहा है। शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी भाग ले रहे हैं। शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हुए हैं। मोदी ने ट्वीट किया, "एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए समरकंद उतरा।"  एयरपोर्ट पर उनका उज़्बेक समकक्ष अब्दुल्ला अरिपोव, मंत्रियों, समरकंद क्षेत्र के राज्यपाल और सीनयर ऑफिसर्स ने स्वागत किया।

जाने से पहले मोदी ने कहा था
उज़्बेक जाने से पहले मोदी ने एक बयान में कहा, "एससीओ शिखर सम्मेलन में मैं सामयिक, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी और पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और गहरा करने के लिए उत्सुक हूं।" मोदी ने कहा, "उज़्बेक की अध्यक्षता में व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के लिए कई फैसले लिए जाने की संभावना है।" मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति मिर्जियोयेव से मिलने के लिए भी उत्सुक हैं। मोदी ने कहा, "मैं 2018 में उनकी भारत यात्रा को याद करता हूं। उन्होंने 2019 में वाइब्रेंट गुजरात समिट में गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में शिरकत की। इसके अलावा मैं शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले कुछ अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करूंगा।"

इसलिए महत्वपूर्ण है ये शिखर सम्मेलन
यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और ताइवान जलडमरूमध्य (Taiwan Strait) यानी जलसंधि मार्ग में चीन के आक्रामक सैन्य रुख के कारण बड़े पैमाने पर बढ़ती भू-राजनीतिक उथल-पुथल के बीच 8 देशों के प्रभावशाली समूह का शिखर सम्मेलन हो रहा है। समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन में दो सत्र होंगे-एक प्रतिबंधित सत्र जो केवल एससीओ सदस्य राज्यों के लिए है और फिर एक विस्तारित सत्र होगा जिसमें पर्यवेक्षकों और अध्यक्ष देश के विशेष आमंत्रितों की भागीदारी देखने की संभावना है।

जानिए कुछ महत्वपूर्ण पॉइंट्स
बता दें कि SCO दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ब्लॉक है। इसमे भारत के अलावा कजाकिस्तान, चीन, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान, पाकिस्तान और उज्बेकिस्तान सदस्य देश हैं। दो देश ईरान और बेलारूस इसमें शामिल होने की प्रॉसेस में हैं। अभी उन्हें अफगानिस्तान और मंगोलिया के साथ पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल है।

चीन-रूस करीब आए
चीन अपने-अपने मूल हितों से संबंधित मुद्दों पर एक-दूसरे को मजबूत समर्थन देने के लिए रूस के साथ काम करने के लिए तैयार है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ गुरुवार को बैठक की। यह मुलाकात समरकंद में फोरमलर मजमुसी कॉम्प्लेक्स में हुई। शी ने कहा कि इस साल की शुरुआत से चीन और रूस ने प्रभावी रणनीतिक संचार(strategic communication) बनाए रखा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग तेजी से आगे बढ़ा है। शी ने कहा कि दुनिया, समय और इतिहास के बदलावों के सामने चीन रूस के साथ मिलकर प्रमुख देशों के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए काम करेगा और परिवर्तन और अव्यवस्था की दुनिया में स्थिरता लाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि चीन रूस के साथ व्यापार, कृषि, कनेक्टिविटी और अन्य क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने के लिए काम करेगा।

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