सार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद खगोल वैज्ञानिक नील डेग्रास टायसन ने कहा कि पीएम मोदी के लिए आसमान की कोई सीमा नहीं है। वह वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर भारत के भविष्य के प्रोग्राम पर बात की।
न्यूयॉर्क। अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi US Visit) ने बुधवार को न्यूयॉर्क में विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से मुलाकात की। प्रसिद्ध खगोल वैज्ञानिक नील डेग्रास टायसन के साथ पीएम ने बातचीत की। पीएम से मिलने के बाद नील डेग्रास ने कहा कि मोदी के लिए आसमान की कोई सीमा नहीं है।
नील डेग्रास ने कहा कि नरेंद्र मोदी वैज्ञानिक सोच वाले व्यक्ति हैं। उनसे मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। कई विश्व नेताओं के लिए उनकी प्राथमिकताएं संतुलन से बाहर हो सकती हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी इस बात की परवाह करते हैं कि समस्या का समाधान होना चाहिए। भारत जो हासिल कर सकता है उसकी कोई सीमा नहीं है। ऐसा कहने वाला मैं अकेला नहीं हूं।
नील डेग्रास ने प्रधानमंत्री को भेंट की अपनी किताब
नील डेग्रास ने प्रधानमंत्री को अपनी एक किताब भेंट की। नील डेग्रास ने कहा कि नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में बात की। नरेंद्र मोदी के लिए यह महत्व रखता है। उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान को लेकर भारत के भविष्य के प्रोग्राम पर बात की। मैं देख रहा हूं कि भारत का भविष्य बेहद चमकदार होने वाला है।
नील डेग्रास के साथ हुई बातचीत के बारे में पीएम ने ट्वीट किया, "नील डेग्रास के साथ अंतरिक्ष, विज्ञान और संबंधित मुद्दों पर बात की। इस दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधार और विज्ञान के साथ-साथ इनोवेशन की ओर अधिक युवाओं को आकर्षित करने के लिए भारत जो कदम उठा रहा है, उस पर प्रकाश डाला गया।"
विचारक निकोलस नसीम तालेब से मिले नरेंद्र मोदी
नरेंद्र मोदी ने प्रसिद्ध विचारक निकोलस नसीम तालेब से मुलाकात की। इसके बारे में तालेब ने कहा कि मैंने नरेंद्र मोदी के साथ इस बात की चर्चा की कि भारत ने किस प्रकार कोरोना महामारी का सामना किया। मैंने भारत द्वारा बेहद कुशलता से कोरोना से निपटने की सराहना की। इसके साथ ही नरेंद्र मोदी के साथ मैंने रिस्क टेकिंग और एंटी-फ्रैगिलिटी पर चर्चा की।
नसीम तालेब से मुलाकात के बारे में नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "प्रोफेसर निकोलस नसीम तालेब के पास कई मुद्दों पर दिलचस्प दृष्टिकोण हैं। मुझे उनमें से कुछ विषयों पर उन्हें सुनने का अवसर मिला। उन्हें भारत के विकास में बहुत दिलचस्पी थी। मैंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे हम अपने युवाओं में उद्यमशीलता और जोखिम लेने की भावना का पोषण कर रहे हैं।"