सार
Defence Ministers Plus meeting: ASEAN देशों के रक्षा मंत्रियों के प्लस मीटिंग के पहले भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय वार्ता की है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी समकक्ष डोंग जून की लाओस की राजधानी में हुई यह वार्ता, दोनों देशों की सेनाओं की लद्दाख में वापसी के बार पहली दफा हुई। मीटिंग में डिफेंस मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष डोंग से कहा कि गलवान जैसी घटनाओं से बचना चाहिए। दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति और उन क्षेत्रों में वापसी पर बात भी की, जहां दोनों पक्ष चार साल से अधिक समय से गतिरोध में थे।
भारत-चीन के रक्षा मंत्रियों की यह द्विपक्षीय वार्ता 10 देशों के आसियान समूह के सम्मेलन के दौरान हुई। दरअसल, भारत और चीनी सेनाओं ने पिछले महीने के आखिरी में डेमचोक और देपसांग में आखिरी दो फ्रिक्सन प्वाइंट्स से वापसी किया था। लगभग साढ़े चार साल बाद दोनों क्षेत्रों में दोनों देशों के सैनिकों ने फिर से रेगुलर पेट्रोलिंग शुरू कर दी है।
पांच क्षेत्रों में था गतिरोध
लद्दाख के ऊपरी हिमालयी क्षेत्र में सैन्य गतिरोध मुख्य रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा या एलएसी के साथ पांच क्षेत्रों - गलवान, पैंगोंग, गोगरा हॉट स्प्रिंग्स, देपसांग और डेमचोक में था। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद दोनों देशों के रिश्तों में भारी तनाव आ गया था। बातचीत के सभी रास्ते बंद हो गए थे। अचानक से दोनों देशों के बीच आए तनाव के बाद गतिरोध और बढ़ गया था।
हालांकि, गतिरोध को कम करने के लिए कमांडर्स लेवल पर कई बार बातचीत हुई लेकिन स्थितियां बहाल नहीं हो सकी थी। दोनों पक्षों के बीच करीब चार साल में कई बार कूटनीतिक और सैन्य-स्तरीय वार्ता हुई लेकिन गतिरोध कायम रहा।
21 अक्टूबर को पीछे हटने को दोनों देश हुए तैयार
बीते 21 अक्टूबर 2024 को भारत-चीन ने पीछे हटने के लिए समझौता करने का ऐलान किया। तय हुआ कि भारत-चीन की सेनाएं 31 अक्टूबर तक 2020 से पहले की स्थिति में वापस जाने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। इस निर्णय के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कुछ कम हुआ है। बीते दिनों पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की भी मुलाकात हुई थी। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बाद अब रक्षा मंत्रियों के बीच भी द्विपक्षीय वार्ता हुई है।
राजनाथ सिंह हैं लाओस की तीन दिवसीय यात्रा पर
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लाओस की तीन दिनी यात्रा पर हैं। वह आसियान देशों के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे हैं। इस सम्मेलन में आसियान के 10 देशों के अलावा उसके 8 डॉयलाग पार्टनर्स-भारत, चीन, आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, साउथ कोरिया, रूस, यूएसए के डिफेंस मिनिस्टर्स भी शामिल हैं। लाओस इस वक्त आसियान संगठन की अध्यक्षता कर रहा है और सम्मेलन का मेजबान है।
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