सार

मार्च में ही पुतिन ने छह साल के लिए फिर से जनादेश हासिल किया। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति पुतिन को एक लक्जरी मोटरकॉड से मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस तक लाया गया।

क्रेमलिन। रूस में पांचवीं बार व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली है। मंगलवार को एक भव्य समारोह में राष्ट्रपति पुतिन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। पांचवीं बार शपथ लेकर पुतिन ने रिकॉर्ड कायम किया है। 71 वर्षीय पूर्व केजीबी चीफ पुतिन सबसे अधिक बार रूस के राष्ट्रपति बनने का गौरव हासिल कर लिए हैं। वह इस सदी के शुरूआत से शासन कर रहे हैं। मार्च में ही पुतिन ने छह साल के लिए फिर से जनादेश हासिल किया। शपथ लेने के बाद राष्ट्रपति पुतिन को एक लक्जरी मोटरकॉड से मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस पहुंचे।

पांचवीं बार रूस का राष्ट्रपति बनने के बाद व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि हम एकजुट और महान लोग हैं और साथ मिलकर हम सभी बाधाओं को पार कर लेंगे, हमने जो भी योजना बनाई है उसे साकार करेंगे। साथ मिलकर हम विजयी होंगे। दरअसल, 1999 में प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में आने के बाद पुतिन लगातार शासन कर रहे हैं। वह देश मं पांचवीं बार राष्ट्रपति बने हैं। पुतिन, यूक्रेन में हजारों सैनिकों को भेजने के दो साल से अधिक समय बाद अपना नया जनादेश शुरू कर छह साल के लिए फिर सत्ता संभालने जा रहे हैं।

पश्चिमी देशों ने किया बहिष्कार

संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस में पुतिन के चुनाव को अवैध मानते हुए शपथ ग्रहण समारोह से दूरी बना ली थी। अमेरिका ने कहा कि वह पुतिन के पुनः चुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं मानता। वह मंगलवार के उद्घाटन समारोह से दूर रहा। उधर, ब्रिटेन, कनाडा और अधिकांश यूरोपीय संघ के देशों ने भी शपथ ग्रहण का बहिष्कार करने का फैसला किया। हालांकि, फ्रांस ने कहा कि वह अपना राजदूत भेजेगा।

पुतिन स्थिरता लेकर आए हैं…

पुतिन के करीबी सहयोगी सर्गेई चेमेज़ोव ने समारोह से पहले रॉयटर्स को बताया कि पुतिन स्थिरता लेकर आए जिसका उनके आलोचकों को भी स्वागत करना चाहिए। चेमेज़ोव ने कहा कि रूस के लिए, यह हमारे रास्ते की निरंतरता है, यह स्थिरता है - आप सड़क पर किसी भी नागरिक से पूछ सकते हैं। राष्ट्रपति पुतिन फिर से चुने गए और वह इस रास्ते पर आगे बढ़ेंगे। हालांकि पश्चिम को शायद यह पसंद नहीं है। लेकिन वे समझेंगे कि पुतिन रूस के लिए स्थिरता हैं, न कि कोई नया व्यक्ति जो नई नीतियों के साथ आया है।

दरअसल, मार्च में पुतिन ने कड़े नियंत्रण वाले चुनाव में भारी जीत हासिल की, जिसमें दो युद्ध-विरोधी उम्मीदवारों को तकनीकी आधार पर रोक दिया गया था। उनके सबसे प्रसिद्ध प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की एक महीने पहले आर्कटिक दंड कॉलोनी में अचानक मृत्यु हो गई और अन्य प्रमुख आलोचक जेल में हैं या विदेश भागने के लिए मजबूर हो गए हैं।

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