यूक्रेन की अमेरिका और नाटो देशों से आस टूटती नजर आ रही है। रूस द्वारा भारी तबाही मचाए जाने और मदद के लिए किसी भी देश का साथ नहीं देने पर यूक्रेन अब खुद को अकेला महसूस कर रहा है।
राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का कहना है कि रूस से लड़ने के लिए यूक्रेन को अकेला छोड़ दिया गया है।
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Russia Ukraine News Update: अमेरिका की दो टूक-China सोचे कि इतिहास के किस पक्ष की ओर खड़ा रहना चाहता
वर्ल्ड डेस्क : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध का एलान कर दिया। इसके साथ ही पुतिन ने नाटो को भी धमकी दी है और कहा कि अगर नाटो ने यूक्रेन का साथ दिया तो इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें. एक टेलीविजन संबोधन में पुतिन ने यूक्रेन की सेना से 'अपने हथियार डालने' का आह्वान किया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश को अन्य तरीकों से अपनी रक्षा करने का कोई मौका नहीं छोड़ा गया था। "मैंने एक विशेष सैन्य अभियान चलाने का फैसला किया है। जेलेंस्की के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। संसद की प्रेस सेवा ने इसकी जानकारी दी।
यह है विवाद की वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पहले ही रूस को चेता चुके थे कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका ने रूस को अलग थलग करने की कूटनीतिक चाल चलनी शुरू कर दी है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन और भारत में अपने समकक्ष से बातचीत की है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि इतिहास के किस पक्ष के साथ कौन खड़ा यह सोचने का क्षण। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ दिन पहले ही अपने (चीन) समकक्ष से बात की थी। राष्ट्रपति बिडेन निश्चित रूप से अपने समकक्ष के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मुझे इस समय इसकी कोई जानकारी नहीं कि कब बात करेंगे। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में चीन या किसी भी देश के लिए यह सोचने का क्षण है कि वे इतिहास के किस पक्ष पर खड़ा होना चाहते हैं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन में रूसी 'सैन्य अभियान' पर चर्चा की है।
Russia Ukraine crisis के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से बात की है। विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री ने यूक्रेन में चल रहे घटनाक्रम और इसके प्रभावों पर चर्चा की है। दरअसल, अमेरिका चाहता है कि रूस के यूक्रेन हमले के बाद भारत नाटो देशों के साथ यूक्रेन के पक्ष में रहे।
गुरुवार की तड़के पुतिन द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण शुरू करने के बाद कई रूसी कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर लोगों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया। मॉस्को में, प्रदर्शनकारियों को पुश्किन स्क्वायर के आसपास "युद्ध के लिए नहीं!" का नारा लगाते हुए देखा गया।
रूस के यूक्रेन पर हमले की निंदा करने और धमकी दे रहे यूएस राष्ट्रपति बिडेन ने साफ किया है कि अमेरिकी सेना यूक्रेन में रूस के खिलाफ युद्ध करने नहीं जा रही है। ये हम सबके लिए एक खतरनाक समय है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले के मद्देनजर नाटो बलों को मजबूत करने के लिए अमेरिका जर्मनी में अतिरिक्त बलों को भेज रहा है। यूक्रेन में हमारी सेना जंग के लिए नहीं जाएगी। नाटो के सभी देशों को हमारा समर्थन रहेगा।
रूस द्वारा यूक्रेन पर हमला के बाद नाटो देश लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं। यूके के पीएम बोरिस जॉनसन ने संसद में कहा कि लंदन की वित्तीय प्रणाली से रूसी बैंकों को बाहर रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने संसद में रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंध और देश पर इसके प्रभाव की जानकारी दी है।
पीएमओ ने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन के संबंध में हाल के घटनाक्रम के बारे में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बातचीत की है।। पीएम ने अपने लंबे समय से चले आ रहे विश्वास को दोहराया कि रूस और नाटो के बीच मतभेद केवल ईमानदार और ईमानदार बातचीत से ही सुलझाए जा सकते हैं। पीएम मोदी ने हिंसा को तत्काल बंद करने की अपील की, और राजनयिक वार्ता और वार्ता के रास्ते पर लौटने के लिए सभी पक्षों से ठोस प्रयास करने का आह्वान किया।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक परिदृश्य बदल चुका है। अमेरिका समेत पश्चिमी देश, यूक्रेन के साथ खड़े होकर रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। विश्व युद्ध की आहट के साथ ही पश्चिमी देशों में उर्जा संकट की स्थितियां भी उत्पन्न होने की ओर है। पश्चिम देशों को उर्जा आपूर्ति में कोई व्यवधान न आए इसलिए G7 राष्ट्रों ने इसके लिए कार्यवाही व प्लानिंग शुरू कर दी है।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक यूक्रेन से भारत लौट चुके हैं। दिल्ली में MEA कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं:
रूस सैनिकों ने यूक्रेन के 70 से सैन्य अधिक नष्ट कर दिया है। इसमें 11 एयरफिल्ड भी शामिल हैं।
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि स्थिति की समीक्षा के लिए PM मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की एक बैठक हुई। प्रधानमंत्री ने CCS बैठक में स्पष्ट तौर पर कहा है कि सरकार की प्राथमिकता यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनको भारत वापस लाना है। प्रधानमंत्री मोदी कुछ ही देर में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करेंगे। यूक्रेन में स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां थे
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने यूक्रेन में संभावित स्वास्थ्य आपातकाल पर चिंता जताई है। इसी बीच ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने कहा कि पश्चिमी ताकतें रूस पर 'भारी प्रतिबंध' लगाएगी। उन्होंने पुतिन को "तानाशाह" करार दिया और चेतावनी दी कि यूक्रेन पर हमला करने के लिए मास्को को अब "भारी" पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा।
यूक्रेन की सैन्य कमान ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क क्षेत्र के वुहलेदार में एक अस्पताल पर हमला हुआ है। इस हमले में चार लोगों की मौत हो गई है। वहीं दस से अधिक लोग घायल हो गई। घायलों में छह डॉक्टर में शामिल है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का कहना है कि यूक्रेन पर रूस का हमला यूरोपीय इतिहास में 'टर्निंग पॉइंट' है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने अपनी तीसरी एडवाइजरी में भारतीय नागरिकों को सलाह दी कि अगर किसी भारतीय नगारिक को हवाई सायरन या बम की चेतावनी मिल रही है तो वे बम बचाव घरों में जाएं।
यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सत्पथी ने कहा कि यूक्रेन में हमारा दूतावास खुला है और लगाता काम कर रहा है। युद्ध के चलते एयर स्पेस बंद कर दिया गया है, जिसके चलते स्पेशल फ्लाइट प्रभावित हुई हैं। इस स्थिति में मेरी यहां यूक्रेन में सभी भारतीय नागरिकों से अपील है कि आप जहां हैं, वहीं रहें। उन्होंने कहा कि हम यहां प्रशासन के संपर्क में हैं, भारत सरकार, विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास स्थिति को देखते हुए पूरी तरह सतर्क है और प्रयास कर रहा है कि हमारे नागरिकों को यहां(यूक्रेन) से कैसे निकाला जा सकता है। पार्थ सत्यथी ने कहा कि जब तक यहां(यूक्रेन) से हर भारतीय वापस हमारे देश नहीं पहुंच जाता तब तक भारतीय दूतावास यहां काम जारी रखेगा।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने कीव में दूतावास के पास एक स्कूल में 200 से अधिक भारतीय छात्रों को इकट्ठा किया है। इसी बीच सूत्रों से हवाले से पता चला है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात कर सकते हैं।
रूस ने यूक्रेन में 74 हवाई सैन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट कर दिया है, जिसमें 11 एयरोड्रोम शामिल हैं। सेंटर फॉर डिफेंस स्ट्रेटजिस्ट के मुताबिक इस युद्ध में रूस के 100 से अधिक सैनिक मार गए हैं। इसके रूस के सात लड़ाकू विमान और तीन हेलीकॉप्टर भी नष्ट कर दिया है।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आज फ्लाइट्स यूक्रेन के लिए रवाना हुई थी लेकिन जब यूक्रेन में घटनाएं शुरू हुई तब हमें बताया गया कि एयर स्पेस पूर्ण रूप से बंद किया गया है और NOTAM (नोटिस टू एयर मिशन) जारी किया गया है। जिसके कारण फ्लाइट को वापस भारत आना पड़ा। विदेश मंत्री के साथ भी मेरी चर्चा हुई है और यूक्रेन की स्थिति पर हम नजर बनाए हुए हैं। जैसे ही वहां पर एयर स्पेस खोला जाएगा फ्लाइट्स फिर से शुरू की जाएंगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत चाहता है कि शांति कायम होनी चाहिए। बातचीत से हल निकाला जाना चाहिए। युद्ध की स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए, यही भारत की सोच है। सरकार ने पहले भी एडवाइजरी जारी की थी। सरकार चिंतित है, प्रयास जारी हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि हमारे जो बच्चे वहां हैं, उन्हें निकाला जाए। वहां स्थिति विषम है। प्लेन भेजा गया था, लेकिन प्लेन वहां उतारा नहीं जा सका।