सार

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) को 25 मई को 91 दिन हो चले हैं। इसी बीच खबर है कि अब रूस के टॉप अधिकारी और अभिजात वर्ग(Aristocrat class) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ होने लगे हैं। ग्लोबल मीडिया के अनुसार, पुतिन को हटाने की साजिशें रची जा रही हैं।
 

वर्ल्ड न्यूज. यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों ने पुतिन के खिलाफ लोगों को खड़ा कर दिया है। रूस के टॉप अधिकारी और अभिजात वर्ग(Aristocrat class) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के खिलाफ होने लगे हैं। ग्लोबल मीडिया के अनुसार, पुतिन को हटाने की साजिशें रची जा रही हैं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) को 25 मई को 91 दिन हो चले हैं।  क्रेमलिन के अधिकारी(Kremlin officials) कई दिनों से यह चर्चा कर रहे हैं कि पुतिन की जगह कौन लेगा? क्योंकि यह माना जा रहा है कि पुतिन निकट भविष्य में देश नहीं चलाएंगे। 

रूस का टॉप लेवल पुतिन के खिलाफ
कहा जा रहा है कि शीर्ष क्रम के रूसी अधिकारी व्लादिमीर पुतिन के बिना सरकार चलाने की साजिश रच रहे हैं। क्रेमलिन के सूत्रों ने दावा किया है कि यूक्रेन के आक्रमण के बीच रूसी राष्ट्रपति ने लगभग सभी को अपने खिलाफ कर लिया है। एक सरकारी सूत्र ने रूसी-लातवियाई आउटलेट मेडुज़ा(Russian-Latvian outlet Meduza) को बताया कि रूसी टैंकों को पहली बार यूक्रेनी सीमा के पार जाने के तीन महीने बाद क्रेमलिन के अधिकारियों और रूसी अभिजात वर्ग के बीच 'लगभग कोई भी अब पुतिन से संतुष्ट नहीं हैं। यह रहस्योद्घाटन तब हुआ, जब कीव के जासूस प्रमुख ने दावा किया कि युद्ध के बीच करीब एक महीने पहले पुतिन हत्या के प्रयास से बच गए थे। इस बीच, यूक्रेन के रक्षा मंत्रालय के मुख्य खुफिया निदेशालय के प्रमुख ने दावा किया कि पुतिन किसी भी हत्या के प्रयास से बचने के लिए अपने अधीनस्थों से दूरियां बना रहे हैं।

बिना सोचे-समझे युद्ध में झोंका
पुतिन से नाराज अधिकारियों और कारोबारियों का मानना है कि उन्होंने प्रतिबंधों के पैमाने के बारे में सोचे बिना युद्ध शुरू कर दिया। इस तरह के प्रतिबंधों के साथ रहना असंभव है। युद्ध के कारण रूस पहले से ही समस्य में है, अब मध्य गर्मियों तक अलग-अलग दिशाओं से परिवहन, दवा, यहां तक ​​कि कृषि को लेकर भी दिक्कतें आएंगी। बता दें कि युद्ध को तीन महीने हो चले हैं। 1945 के बाद से एक यूरोपीय राज्य पर यह सबसे बड़ा हमला है। इसके चलते 6.5 मिलियन से अधिक लोगों को यूक्रेन छोड़कर विदेशों में शरण लेनी पड़ी। शहरों को मलबे में बदल दिया। वहीं, रूस पर पश्चिमी देशों ने अभूतपूर्व पाबंदियां लगा दीं।

पुतिन को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है
जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में एक अनुभवी रूसी राजनयिक ने यूक्रेन पर पुतिन के असहनीय आक्रमण('intolerable invasion of Ukraine) से आहत होकर इस्तीफा दे दिया था। कहा जा रहा है कि कई रूसी राजनयिक युद्ध का समर्थन नहीं करते हैं। 41 साल के बोरिस बोंडारेव(Boris Bondarev) ने 40 राजनयिकों को एक पत्र भेजने से पहले राजनयिक सेवा में 20 साल बाद सोमवार सुबह इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी भी अपने देश पर इतनी शर्म नहीं आई। पत्र में उन्होंने 'यूक्रेन के खिलाफ और वास्तव में पूरे पश्चिमी दुनिया के खिलाफ पुतिन द्वारा किए गए आक्रामक युद्ध' की निंदा की।

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