Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत पर भारी टैरिफ लगाने के लिए अपने ही देश में आलोचना झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप को ये टैरिफ तुरंत खत्म कर भारत से माफी मांगनी चाहिए।
Tariff War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत पर भारी टैरिफ लगाने के लिए अपने ही देश में कड़ी आलोचना झेलनी पड़ रही है। कई विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप को ये टैरिफ तुरंत खत्म कर देने चाहिए और भारत से माफी मांग लेनी चाहिए। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के एडजंक्ट प्रोफेसर एडवर्ड प्राइस ने एएनआई से बातचीत में कहा कि 21वीं सदी में भारत की अहम भूमिका होगी और इस लिहाज से अमेरिका-भारत का रिश्ता बेहद महत्वपूर्ण है।
"इन टैरिफ को तुरंत हटाना चाहिए”
उन्होंने ट्रंप के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, “मैं मानता हूं कि अमेरिका और भारत की साझेदारी 21वीं सदी की सबसे अहम साझेदारी है। यही रिश्ता तय करेगा कि चीन और रूस के साथ हालात किस दिशा में जाएंगे। भारत के पास 21वीं सदी का सबसे बड़ा और निर्णायक वोट है। आज भारत दुनिया का बड़ा खिलाड़ी है और आने वाले समय में और भी ताकतवर बनने जा रहा है। ऐसे में मुझे समझ नहीं आता कि जब अमेरिका चीन और रूस से टकराव की स्थिति में है, तो फिर भारत पर 50% टैरिफ क्यों लगाए गए। इन टैरिफ को तुरंत हटाना चाहिए।”
"भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को तुरंत हटाना चाहिए"
एडवर्ड प्राइस ने एएनआई से बातचीत में कहा, "भारत पर लगाए गए 50% टैरिफ को तुरंत हटाना चाहिए और इसे एक उचित स्तर पर लाना चाहिए। मेरी सलाह है कि इसे 0% किया जाए और भारत से माफी भी मांगी जाए। प्राइस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की और उन्हें काफी समझदार भी बताया। उन्होंने कहा, "मोदी जी अमेरिका को यह याद दिला रहे हैं कि भारत के पास और भी विकल्प हैं, लेकिन साथ ही वह रूस-चीन गठबंधन को पूरी तरह अपनाए बिना संतुलन बनाए हुए हैं। यही वजह है कि वे बीजिंग की सैन्य परेड में शामिल नहीं हुए।" प्राइस ने आगे कहा कि भारत कभी भी चीन के प्रभाव में नहीं आ सकता क्योंकि भारत एक स्वतंत्र सोच वाला देश है। भारत अपने फैसले खुद लेता है और किसी एक खेमे में पूरी तरह शामिल नहीं होगा।
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जेक सुलिवन के आरोप पर दी प्रतिक्रिया
रूस पर बात करते हुए उन्होंने कहा,"आज की दुनिया में रूस का कोई प्रभाव नहीं है और यही पुतिन की सबसे बड़ी समस्या है। वह पुराना सोवियत साम्राज्य फिर से खड़ा करना चाहते हैं लेकिन सच्चाई यह है कि रूस इस समय चीन के प्रभाव क्षेत्र का हिस्सा बन चुका है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने आरोप लगाया था कि डोनाल्ड ट्रंप अपने पारिवारिक कारोबारी हितों को पाकिस्तान में बढ़ाने के लिए भारत के साथ अमेरिका के रिश्ते दांव पर लगा रहे हैं। इस पर प्राइस ने कहा,"यह सच है कि ट्रंप के पाकिस्तान में कारोबारी हित सक्रिय हैं, लेकिन इस पर निश्चित तौर पर कुछ कहना असंभव है।"
