Sheikh Hasina Verdict: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने पूर्व पीएम शेख हसीना को 2024 के छात्रों के आंदोलन पर हिंसा का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा दी। उन्हें और उनके सहयोगियों पर हत्या और मानवता के खिलाफ अपराध के गंभीर आरोप हैं। 

Sheikh Hasina Escape Options: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT-BD) ने उनके दो सहयोगियों को 2024 के छात्र आंदोलन पर हिंसक कार्रवाई का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है। यह फैसला कई महीनों चले मुकदमे के बाद आया, जिसमें हसीना खुद मौजूद नहीं थीं। इस फैसले के बाद ढाका पूरी तरह सुरक्षा घेरे में है। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बल पूरे शहर में तैनात हैं। ICT के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि शेख हसीना ने अपने गृहमंत्री और पुलिस प्रमुख पर पूरी तरह नियंत्रण रखते हुए हिंसा को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। ऐसे में सवाल उठता है कि शेख हसीना अभी कहां हैं और उनके पास बचने के क्या ऑप्शन हैं...

शेख हसीना कहां हैं?

शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान अब भारत में रह रहे हैं। वहीं, तीसरे आरोपी पूर्व IGP चौधरी अब्दुल्ला अल-ममून सरकारी गवाह बन चुके हैं। शेख हसीना और असदुज्जमां खान फरार हैं, इसलिए ICT-BD के फैसले के बावजूद उन्हें तत्काल गिरफ्तार नहीं किया जा सका।

ICT-BD क्या है?

आईसीटीबीडी यानी इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल बांग्लादेश एक विशेष अदालत है, जो खासतौर पर गंभीर अपराधों की सुनवाई करती है। इसकी स्थापना 1973 के इंटरनेशनल क्राइम्स एक्ट के तहत हुई थी। यह अदालत उन मामलों की सुनवाई करती है, जिनका अधिकार क्षेत्र सामान्य कोर्ट में नहीं आता। इसके नाम में इंटरनेशनल है, लेकिन इसमें अंतरराष्ट्रीय जज शामिल नहीं होते, केवल बांग्लादेश के जज ही मामले देखते हैं। आईसीटीबीडी का मुख्य उद्देश्य 1971 के युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध, नरसंहार और सामूहिक अत्याचारों के मामलों की सुनवाई करना है। इसका मतलब है कि अगर किसी मामले में मानवता के खिलाफ अपराध की श्रेणी आती है, तो सिर्फ ICT-BD ही इसे देख सकती है।

शेख हसीना पर क्या आरोप लगे हैं?

  • हिंसा भड़काने और प्रदर्शनकारियों की हत्या का आदेश देना
  • पूर्व गृह मंत्री और पुलिस प्रमुख के माध्यम से अपराध रोकने में नाकामी
  • छात्र प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर टॉर्चर करना
  • अतिरिक्त न्यायिक हत्या (Extrajudicial Killing) और फायरिंग का आदेश
  • सैन्य और पुलिस बलों का घातक इस्तेमाल

शेख हसीना के पास फांसी की सजा से बचने का क्या विकल्प है?

फिलहाल शेख हसीना के पास बहुत कम विकल्प बचे हैं। पूर्व पीएम ICT-BD के फैसले के खिलाफ बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट (अपील डिवीजन) में अपील कर सकती हैं। अगर शेख हसीना अंतरराष्ट्रीय न्यायालय या मानवाधिकार संस्थाओं की शरण लेती हैं, तो इसके नतीजे आने में काफी वक्त लग सकता है। भारत में निवास के चलते भले ही तत्काल गिरफ्तारी नहीं हो पा रही है, लेकिन बांग्लादेश सरकार और अंतरराष्ट्रीय निगरानी पर स्थिति लगातार नजर रखी जा रही है।

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