सार

नेपाल में रविवार(15 जनवरी) को हुए यति एयरलाइन्स(Yeti Airlines) का ATR 72-500 विमान क्रैश को लेकर कई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। ATC से बातचीत में पायलट ने कहा था-वेदर इज ब्युटीफुल, वेरी गुड विजिबिलिटी, रन वे क्लियर। फिर अचानक क्या हुआ?

काठमांडु(Kathmandu). नेपाल में रविवार(15 जनवरी) को हुए यति एयरलाइन्स(Yeti Airlines) का ATR 72-500 विमान क्रैश को लेकर कई हैरान करने वाली जानकारियां सामने आ रही हैं। पोखरा के नए हवाई अड्डे पर उतरने से पहले सीनियर पायलट कमल केसी ने एयर ट्रैफिक कंट्रोलर(ATC) से प्लेन को उतारने की परमिशन मांगी थी। ATC से बातचीत में पायलट ने कहा था-वेदर इज ब्युटीफुल, वेरी गुड विजिबिलिटी, रन वे क्लियर। फिर अचानक क्या हुआ?

यह सीनियर पायलट कमल की एक दिन में यह तीसरी उड़ान थी
इस विमान ने येती एयरलाइंस के सीनियर ट्रेनर पायलट कमल केसी के नेतृत्व में रविवार सुबह काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरी थी। रविवार को पोखरा के लिए तीसरी उड़ान भर रहे इस विमान को अंतिम प्रशिक्षण देने के बाद सीनियर पायलट कमल केसी को-पायलट अंजू खातीवाड़ा को पायलट बनाने की योजना बना रहे थे। यानी इसके बाद अंजू विमान के सीनियर पायलट हो जातीं।

जहाज ने रविवार सुबह 10:32 बजे काठमांडू से पोखरा के लिए 4 क्रू और 68 यात्रियों को लेकर उड़ान भरी थी। सीनियर पायलट केसी के साथ अंजू को-पायलट थीं। कमल केसी ने अपना करियर तब शुरू किया था, जब वह 34 वर्ष के थे। वे पिछले 13 वर्षों से यति एयरलाइंस से जुड़े रहे। इसलिए किसी को अंदेशा नहीं था कि उनके रहते किसी दिक्कत का सामना करना पड़ेगा। कमल बहुत अनुभवी पायलट थे। ऊपर से काठमांडू से पोखरा तक मौसम साफ था। रविवार सुबह इस एक ही विमान ने दो बार पोखरा-काठमांडू के लिए उड़ान भरी थी।

हालांकि, तीसरी फ्लाइट में पोखरा के नए एयरपोर्ट पर लैंड करने की कोशिश सफल नहीं रही। काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरने वाला विमान अपने गंतव्य तक पहुंचने से डेढ़ किलोमीटर पहले क्रैश हो गया। उड़ान भरने के करीब आधे घंटे बाद इसे पोखरा एयरपोर्ट पर उतरना था। लेकिन सुबह 10:50 बजे तक टावर के संपर्क में आने वाला जहाज पोखरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर नहीं पहुंच सका। यह पहली घटना है, जहां एटीआर विमान नेपाली आकाश में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। वहीं इस हादसे में सीनियर पायलट कमल केसी सहित सभी यात्रियों की मौत हो गई।

कमल केसी के बारे में
55 वर्षीय कमल की पत्नी और 2 बेटे हैं। केसी ने अमेरिका से पायलट कोर्स पूरा करने के बाद 1989 में नेपाल एयरलाइंस ट्विन ओटर विमान में प्रशिक्षु पायलट के रूप में अपना करियर शुरू किया था। 1988 में पायलट कोर्स पूरा करने के बाद वह नेपाली हवाई क्षेत्र में एक बहुत ही अनुभवी पायलट थे। पिछले कुछ दिनों से वे पायलटों को प्रशिक्षण दे रहे थे। वह को-पायलट अंजू खातीवाड़ा का पायलट सर्टिफिकेट लेने के लिए आखिरी फ्लाइट उड़ा रहे थे।

अंजू के पति की भी विमान हादसे में मौत हुई थी
 काठमांडू से पोखरा के लिए उड़ान भरते वक्त कमल केसी दायीं सीट पर बैठे थे और को-पायलट अंजू बायीं तरफ। अगर प्लेन क्रैश न होता, तो अंजू पायलट बन जातीं। फिर वे दायीं तरफ बैठतीं। अंजू के पति दीपक पोखरेल की भी सोलह साल पहले इसी यति एयरलाइंस के विमान हादसे में मौत हुई थी। दीपक भी को-पायलट थे। हादसा 21 जून 2006 को हुआ था। इस विमान (9एन-एईक्यू) ने नेपालगंज से सुर्खेत के लिए उड़ान भरी थी लेकिन दुर्घटना हो गया। हादसे में चार क्रू मेंबर और छह यात्रियों की मौत हो गई थी।

एक पायलट ने विमान के मार्ग के बारे में कहा, "आमतौर पर पोखरा के मार्ग पर वे नदी के किनारे जाते हैं और पोखरा शहर को पार करते ही उतर जाते हैं। लेकिन आज का विमान घाटी को पार करते ही बाएं मुड़ता है और पूर्व की ओर वापस आता है। तकनीकी रूप से ऐसा क्यों हुआ, हादसे के कारणों को समझने के लिए हमें जहाज के ब्लैक बॉक्स को देखना होगा?"

चूंकि एयरपोर्ट का ATC 2 घंटे तक सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है, इसलिए दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में कुछ समय लग सकता है। हालांकि, एयरपोर्ट के एटीसी ने किसी तकनीकी समस्या के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है, ऐसे में येति विमान क्यों और कैसे क्रैश हुआ, इसका खुलासा होना अभी बाकी है।

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