सार
किराया देने के बावजूद बिना किसी पूर्व सूचना के घर खाली करवाने वाले मकान मालिक के खिलाफ कोर्ट ने कार्यवाही की है। किराएदार छात्र द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मकान मालिक को छात्र को पांच करोड़ रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। अमेरिका के साउथ कैरोलिना की एक अदालत ने यह फैसला सुनाया है। पीपल मैगजीन के अनुसार, स्टूडेंट हाउसिंग इन्वेस्टमेंट और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनी कैंपस एडवांटेज के खिलाफ 2022 में किराएदार छात्र द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले 19 सितंबर को कोर्ट ने किराएदार को 7,00,000 डॉलर (5.88 करोड़ रुपये) मुआवजा देने का आदेश दिया।
कोलंबिया के बेनेडिक्ट कॉलेज में ग्रेजुएशन के छात्र मिस्टर पोस्टल को 11 जुलाई 2022 को उनके अपार्टमेंट 'द रोवन' से खाली करने के लिए ईमेल के जरिए सूचित किया गया। हालाँकि, उन्होंने 'द रोवन' अपार्टमेंट को जवाब दिया कि वह एग्रीमेंट रिन्यू करना चाहते हैं और वहीं रहना चाहते हैं। इसके बाद, छात्र के माता-पिता ने 18 जुलाई 2022 को छह महीने का किराया 3.20 लाख रुपये ($3,810) का भुगतान किया, जो किराया एग्रीमेंट के नवीनीकरण के लिए था। चेक के माध्यम से की गई इस राशि को अपार्टमेंट ने एक हफ्ते के भीतर ही भुना लिया।
हालांकि, 5 अगस्त 2022 को जब पोस्टल कोलंबिया वापस लौटे, तो उन्होंने पाया कि उनके अपार्टमेंट में रखे उनके निजी सामान गायब थे। जब उन्होंने अपार्टमेंट अधिकारियों से संपर्क किया, तो 'द रोवन' ने जवाब दिया कि अपार्टमेंट खाली करवाने के दौरान उन सभी को हटा दिया गया था। पोस्टल को यह भी पता चला कि उनमें से कई चीजें सुरक्षित तरीके से नहीं रखे जाने के कारण नष्ट हो गई थीं। 'द रोवन' ने मुआवजे का वादा किया था, लेकिन बाद में अपार्टमेंट अधिकारियों की ओर से कोई और बातचीत नहीं हुई, जिसके बाद 23 अगस्त 2022 को छात्र के परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।