सार

अंतरिक्ष से लौटने के बाद नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स को पृथ्वी के वातावरण में ढलने के लिए मेडिकल टेस्ट, फिजियोथेरेपी और स्पेशल डाइट दी जाएगी। जानिए, उनका डेली रूटीन कैसा रहेगा।

Sunita Williams and Butch Willmore homecoming: नासा (NASA) की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और Crew-9 मिशन के अन्य सदस्य इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से सफलतापूर्वक लौटने के बाद पृथ्वी के वातावरण में ढलने के प्रॉसेस से गुजरेंगे। धरती की ग्रैविटी के प्रति अपने शरीर को पूरी तरह से ढालने में उनको अभी समय लगेगा। इसके लिए उनको ट्रेनिंग से गुजरना होगा। दरअसल, छह महीने तक माइक्रोग्रैविटी में रहने के बाद शरीर को फिर से धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के अनुकूल बनाना आसान नहीं होता। इसलिए नासा ने उनके लिए एक विशेष रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम तैयार किया है।

कैसा रहेगा सुनीता विलियम्स व बुच विलमोर का शुरुआती रूटीन?

मेडिकल जांच और रिकवरी

पहले 24 घंटे: स्प्लैशडाउन (Splashdown) के तुरंत बाद सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को मेडिकल चेकअप के लिए नासा के रिसर्च सेंटर ले जाया जाएगा। यहां उनकी मांसपेशियों, हड्डियों और रक्त संचार की जांच की जाएगी। फिलहाल, अंतरिक्ष जैसे वातावरण और माहौल में ही रहेंगे।

पहले कुछ दिन: शरीर में माइक्रोग्रैविटी से हुए परिवर्तनों को समझने के लिए डॉक्टर्स नियमित रूप से उनका ब्लड टेस्ट, ईसीजी और न्यूरोलॉजिकल परीक्षण करेंगे।

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के कारण शरीर की मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। इसीलिए शुरुआती दिनों में सुनीता को विशेष फिजियोथेरेपी और एक्सरसाइज कराई जाएगी जिससे उनका संतुलन और मांसपेशियों की ताकत वापस आ सके। शुरुआती हफ्तों में उन्हें तेज चलने, दौड़ने, या भारी सामान उठाने से बचने की सलाह दी जाएगी।

ग्रेविटी में रीएडजस्टमेंट

अंतरिक्ष में महीनों रहने के बाद दिल को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है क्योंकि वहां ग्रेविटी का असर नहीं होता। पृथ्वी पर लौटने के बाद अचानक ब्लड प्रेशर में बदलाव हो सकता है, जिससे सुस्ती, चक्कर आना या थकान महसूस होती है। डॉक्टर्स उन्हें खास डाइट देंगे, जिसमें कैल्शियम और प्रोटीन की अधिकता होगी, ताकि उनकी हड्डियां और मांसपेशियां जल्दी मजबूत हो सकें।

कैसे होगी पृथ्वी के वातावरण में वापसी?

पहले कुछ हफ्तों में:

  • धीरे-धीरे वे सामान्य वर्कआउट करने लगेंगी।
  • डॉक्टर और वैज्ञानिक उनके शरीर पर ग्रेविटी के असर की बारीकी से निगरानी करेंगे।
  • संतुलन सुधारने के लिए वर्टिगो टेस्ट और मोटर स्किल टेस्ट किए जाएंगे।

पहले कुछ महीनों में:

  • शरीर पूरी तरह से धरती की स्थितियों में ढल जाएगा।
  • नासा वैज्ञानिक मिशन के दौरान उनके अनुभवों का विश्लेषण करेंगे।
  • वे नए स्पेस मिशनों के लिए ट्रेनिंग दोबारा शुरू कर सकती हैं।