सार
24 दिसंबर, 1999 को काठमांडु से दिल्ली के लिए उड़े विमान IC 814 के हाईजैक के मुख्य आरोपी आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं। दोनों देशों का मानना है कि मसूद उनके यहां नहीं छुपा है।
इस्लामाबाद. प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर(Maulana Masood Azhar, head of the banned Jaish-e-Mohammed) को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए हैं। 24 दिसंबर,1999 को काठमांडु से दिल्ली के लिए उड़े विमान IC 814 के हाईजैक के मुख्य आरोपी आतंकवादी मौलाना मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं। दोनों देशों का मानना है कि मसूद उनके यहां नहीं छुपा है। अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने बुधवार को पाकिस्तान के दावे को एक सिरे से नकार दिया कि मसूद उनके यहां छुपा हुआ है। (अफगानिस्तान-पाकिस्तान के इस मामले में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप को लेकर सोशल मीडिया पर इस तरह के मीम्स बन रहे हैं)
भारत का मोस्ट वांटेड है मसूद
दरअसल, मंगलवार को पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से अजहर को पाकिस्तान को सौंपने के बाबत एक पत्र लिखा था। मसूद सिर्फ भारत ही नहीं, खुद पाकिस्तान में कई हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए पाकिस्तान लगातार अजहर का मुद्दा उठा रहा है। पाकिस्तान की माली हालत खराब है, ऐसे में उसे कर्ज की बहुत जरूरत है। लेकिन अमेरिका सहित तमाम देशों का दबाव है कि वो अपने यहां आतंकवादियों को शरण देना बंद करे। भारत सरकार भी कई बार कह चुकी है कि अजहर पाकिस्तान में ही मौजूद है। मसूद भारत का भी मोस्ट वांटेड है। भारत मसूद को लेकर अफगानिस्तान के पाले में गेंद डालने को पाकिस्तान की एक चाल कह रहा है, इसे हॉगवॉश(hogwash) यानी कुछ भी अनाप-शनाप मान सकते हैं।
तालिबान सरकार ने मौलाना मसूद की अपने यहां मौजूदगी से किया इनकार
तालिबान सरकार ने बुधवार को अफगानिस्तान में प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर(Maulana Masood Azhar, head of the banned Jaish-e-Mohammed) की मौजूदगी से इनकार किया है। एक दिन पहले, पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से काबुल को एक पत्र लिखा था, जिसमें जैश प्रमुख का पता लगाने, रिपोर्ट करने और गिरफ्तार करने के लिए कहा गया था। पाकिस्तान यह मानता है कि वह अफगानिस्तान में कहीं छिपा हुआ है। इस पत्र के अनुसार, अजहर के अफगानिस्तान के दो अलग-अलग प्रांतों-नंगरहार और कुनार में छुपे रहने की संभावना है। हालांकि तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद(Taliban spokesperson Zabihullah Mujahid) ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना अफगानिस्तान में नहीं, बल्कि पाकिस्तान में है। एक इंडियन मीडिया हाउस को दिए विशेष टेलीफोनिक इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता और प्रमुख लीडर सुहैल शाहीन ने पाकिस्तान को बिना सबूत के दावा नहीं करने की चेतावनी दी है। शाहीन ने कहा, "हमारी प्रतिबद्धता है कि हम किसी को भी किसी अन्य देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं करने देंगे।"
जैश पर लगा हुआ है बैन
इस्लामाबाद ने औपचारिक रूप से 14 जनवरी, 2002 को पाकिस्तान में जनरल (सेवानिवृत्त) परवेज मुशर्रफ के शासन के दौरान आतंकवाद के आरोपों पर जैश पर प्रतिबंध लगा दिया था। JeM पर 17 साल के प्रतिबंध के बाद आंतरिक मंत्रालय(Interior Ministry) ने विश्वसनीय खुफिया जानकारी प्राप्त करने के बाद 10 मई, 2019 को अल-रहमत ट्रस्ट, बहावलपुर और अल-फुरकान ट्रस्ट, कराची नामक दो और संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। संदिग्ध आतंकवादी होने के कारण जैश प्रमुख अजहर भी आतंकवाद निरोधी अधिनियम 1999( Anti Terrorism Act 1999) की अनुसूची चार का हिस्सा बना रहा। उसने कथित तौर पर विभिन्न स्थानों पर कई आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाई।
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