सार
अमेरिकी की फेडरल वाचडॉग एजेंसी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। संघीय निगरानीकर्ता का मानना है कि कोविड-19 महामारी के दौरान राहत के लिए जारी करीब 200 बिलियन डॉलर की चोरी हो गई।
Federal Watchdog Report. अमेरिकी की संघीय निगरानीकर्ता एजेंसी ने शॉकिंग खुलासा किया है। एजेंसी का दावा है कि कोरोना महामारी के दौरान दो बार में राहत के लिए जारी किए गए करीब 200 बिलियन डॉलर की चोरी हो गई है। यह फंड कोरोना महामारी के दौरान छोटे व्यवसायों को बचाने के लिए जारी किए गए थे। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट की स्थिति से निबटने के लिए यह धन जारी किया गया था।
अमेरिकी फेडरल वाचडॉग की रिपोर्ट
अमेरिकी लघु व्यवसाय प्रशासन महानिरीक्षक द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़े बताते हैं कि पेचेक प्रोडेक्शन और कोविड-19 से पहुंची आर्थिक चोट से बचने के लिए जारी धन को धोखेबाजों ने इस्तेमाल किया। कोरोना वायरस महामारी के शुरूआती चरणों में लोगों को राहत देने के लिए यह फंड दिया गया लेकिन फ्रॉड करने वालों ने इसे असुरक्षित बना दिया। महानिरीक्षक की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-ईआईडीएल और पीपीपी फंड का कम से कम 17 प्रतिशत धोखाधड़ी की भेंट चढ़ गया। रिपोर्ट के अनुसार COVID-19 की आर्थिक चोट से उबरने के लिए आपदा ऋण कार्यक्रम के दौरान करीब 136 बिलियन डॉलर से अधिक की धोखाधड़ी की गई। यह उस प्रोग्राम पर खर्च किए गए कुल धन का 33 प्रतिशत होता है। महानिरीक्षक ने कहा कि पेचेक प्रोटेक्शन धोखाधड़ी का अनुमान करीब 64 बिलियन डॉलर का है।
क्या कहते हैं व्हाइट हाउस के अधिकारी
महामारी राहत व्यय की देखरेख करने वाले व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी जीन स्पर्लिंग ने मंगलवार को एक साक्षात्कार में कहा कि इमरजेंसी लोन प्रोग्राम में 86 प्रतिशत संभावित धोखाधड़ी हो सकती है। उन्होंने कहा कि जब पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप महामारी के शुरूआती 9 महीनों में कार्यालय में थे, तभी यह हुआ। स्पर्लिंग ने कहा 200 बिलियन डॉलर बहुत बड़ी संख्या है और इसे संभावित धोखाधड़ी के रूप में याद रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें लगता है कि संभावित या वास्तविक धोखाधड़ी की राशि काफी कम है। यह 40 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर के बीच हो सकती है। एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रकम को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है, ऐसा लगता है कि जनता को यह बताने की कोशिश की जा रही है कि हमारे सारे प्रयास धोखाधड़ी की भेंट चढ़ गए। एसबीए महानिरीक्षक ने पहले अनुमान लगाया था कि COVID-19 आपदा लोन प्रोग्राम में करीब 86 बिलियन और पेचेक संरक्षण कार्यक्रम में करीब 20 बिलियन डॉलर की धोखाधड़ी हुई है।
तीसरी रिपोर्ट में कितनी धोखाधड़ी का अनुमान
एसोसिएटेड प्रेस ने 13 जून को रिपोर्ट दी कि घोटालेबाजों और ठगों ने COVID-19 के दौरान करीब 280 बिलियन डॉलर की हेराफेरी की है। यह भी कहा गया कि आपदा राहत के दौरान करीब 123 बिलियन डॉलर गलत तरीके से खर्च किया गया। वहीं एक रिपोर्ट यह भी बतातीय है कि कोविड के दौरान वितरित किए गए 4.2 ट्रिलियन डॉलर की रकम में करीब 10 प्रतिशत की धोखाधड़ी हो सकती है।
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