सार
Tenth Pass Millionaire: अगर आपके पास जुनून या जज्बा हो तो हुनर और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। दसवीं पास एक अप्रवासी भारतीय ने अपनी सफलता से इसे साबित कर दिया है। खाली जेब गुजरात से न्यू जर्सी पहुंचे दसवीं पास ने कुछ ही सालों में एक सफल बिजनेसमैन ही नहीं बनें बल्कि न दर्जनों एमबीए और हाईली क्वालिफाइड लोगों को नौकरी भी दिए हैं।
यह कहानी एक गुजराती पटेल की है जो कई साल पहले अमेरिका में बस गया। सोशल मीडिया पर वायरल इस कहानी को सुनील नाम के एक व्यक्ति ने पॉडकॉस्ट में बताया है। उन्होंने अपने पटेल दोस्त के बारे में बताया कि गुजरात से आकर उनका दोस्त अमेरिका के न्यू जर्सी में एक रेस्टोरेंट खोला। चालीस के दशक में खुला वह रेस्टोरेंट अब न्यू जर्सी शहर में रह रहे गुजराती या भारतीयों का सबसे पसंदीदा स्थल है।
प्रवासी भारतीय की कहानी शेयर करते हुए एक्स पर यूजर सुनील ने बताया कि उसका गुजराती दोस्त, एक गुजराती रेस्टोरेंट खोला और अब अवसरों की धरती पर एक आरामदायक जीवन जी रहा है। वह केवल 10वीं पास है।
मैं मास्टर डिग्री धारक इंजीनियर और वह दसवीं पास...
सुनील ने लिखा: न्यू जर्सी में एक रेस्टोरेंट चलाने वाले पटेल दोस्त से मिला। वह 10वीं पास है। मैं मास्टर डिग्री वाला इंजीनियर हूं और पॉडकास्ट सुनता हूं। मैंने उसे बताया कि पीटर थिएल ने कहा था कि सबसे खराब व्यवसाय जो कोई कर सकता है वह है रेस्टोरेंट खोलना। बहुत अधिक विफलता दर और ग्राहक बहुत अप्रत्याशित होते हैं। मैंने पीटर थिएल का नाम लिया तो जाहिर है, वह नहीं जानता कि पीटर थिएल कौन है।।
रेस्टोरेंट चलाना करोड़पति बनने का पक्का रास्ता
फिर उस पटेल दोस्त ने जवाब दिया कि रेस्टोरेंट चलाना करोड़पति बनने का पक्का रास्ता है। उसके पास कम से कम 50 परिवार हैं जो नियमित ग्राहक हैं। उसके यहां कम मसाले वाले भोजन जैसी छोटी-मोटी समस्याएं ग्राहकों को नहीं रोकती हैं। उसने बताया कि उसके खुद के 50 परिवार हैं जो न्यू जर्सी में रहते हैं और जो उसके रिश्तेदार हैं, वे उसके रेस्टोरेंट में अच्छा गुजराती खाना खाने आते हैं। अगर नमक कम हो तो वे आना बंद नहीं करेंगे। वे बस उसे और नमक डालने के लिए कहेंगे।
रेस्टोरेंट मालिक ने बताया कि न्यूयॉर्क और पेंसिल्वेनिया से बहुत से गुजराती जब रॉबिन्सविले में स्वामीनारायण मंदिर में दर्शन करने जाते हैं तो वे टूरिस्ट बस किराए पर लेते हैं। रॉबिन्सविले के रास्ते में वे स्वादिष्ट गुजराती थाली खाने के लिए उसके रेस्टोरेंट में रुकते हैं। यानी हर बस में 50-75 लोग आते हैं।
सुनील नामक यूजर ने लिखा कि उसका दोस्त करोड़पति बना या सफलता हासिल किया सिर्फ इसलिए क्योंकि उसने जोखिम लिया। औपचारिक शिक्षा या व्यावसायिक सिद्धांतों से नहीं बल्कि व्यावहारिक सामान्य ज्ञान, अंतर्ज्ञान और सोचे-समझे जोखिम लेने से मिली है।
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