सार

सेनेगल का प्रभावशाली मुरीद ब्रदरहुड संगठन राजधानी डकार में 30,000 लोगों की क्षमता वाली मस्जिद का उद्घाटन शुक्रवार को करेगा जिसे पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद बताया जा रहा है।

डकार. सेनेगल का प्रभावशाली मुरीद ब्रदरहुड संगठन राजधानी डकार में 30,000 लोगों की क्षमता वाली मस्जिद का उद्घाटन शुक्रवार को करेगा जिसे पश्चिम एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद बताया जा रहा है। बॉप्प के गरीब इलाके में 14 एकड़ की जमीन पर एक दशक पहले ‘मसालिकुल जिनां’ नाम की इस मस्जिद के निर्माण का काम शुरू हुआ था। जमीन सरकार ने दान दी थी। इस देश में 90 फीसदी मुस्लिम आबादी है। इस मस्जिद का नाम 19वीं सदी में ब्रदरहुड की स्थापना करने वाले शेख अहमदू बाम्बा मबाके की एक कविता से लिया गया है। उन्हें उनके अनुयायी सूफी मानते हैं।

एक साथ 15 हजार लोग अदा कर सकेंगे नमाज 
ब्रदरहूड इस्लाम के उसूलों को बुलंद करने के साथ ही मानवता की सेवा पर जोर देता है। सेनेगल और पड़ोसी गांबिया में इस संगठन का खासा आर्थिक एवं राजनीतिक प्रभाव है। इस मस्जिद में पांच मीनारें हैं और सबसे बड़ी मीनार की ऊंचाई 78 मीटर है। इस मस्जिद के अंदर 15,000 लोग एक साथ नमाज़ अदा कर सकते हैं जबकि बाहरी हिस्से के खुले मैदान में 15,000 लोग नमाज़ पढ़ सकते हैं।

3.3 करोड़ डॉलर का आया है खर्च 
मस्जिद के अंदर के हिस्से को खासा खूबसूरत और आकर्षक बनाया गया है। इसमें सोने की परत चढ़ा एक गुंबद है और बड़े-बड़े झूमर लगे हैं। मोरक्को के कारीगरों ने हाथ से नक्काशी की है। निर्माण कार्य का समन्वय करने वाले एम. फाये ने बताया कि हम अरब देशों और अफ्रीका के अन्य स्थानों पर जो कुछ भी देखते हैं, यह उस जैसा है। उन्होंने बताया कि इस पर 3.3 करोड़ डॉलर का खर्च आया है। यह सारी रकम चंदे से आई है।

ब्रदरहुड के उभार का प्रतीक है मस्जिद 
आधारभूत ढांचा मंत्री उमर यौम ने बताया कि सरकार ने रोशनी, साफ-सफाई और सड़क निर्माण के लिए अतिरिक्त 1.05 करोड़ यूरो उपलब्ध कराएं हैं। शोधकर्ता शेख जुए ने बताया कि यह विशाल मस्जिद देश में ब्रदरहुड के उभार का प्रतीक है।

(यह खबर न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा की है। एशियानेट हिंदी की टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)