राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान तनाव कम करने का श्रेय लिया है। उन्होंने कहा कि उनके प्रशासन ने 350% टैरिफ की धमकी देकर टकराव टाला, जबकि भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार करता है।
वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपना पुराना दावा दोहराया। कहा- उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने यह बात शुक्रवार को व्हाइट हाउस में न्यूयॉर्क शहर के नवनिर्वाचित मेयर ज़ोहरान ममदानी के साथ अपनी बैठक के दौरान कही। ममदानी अपनी चुनावी जीत के बाद राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली औपचारिक बातचीत के लिए वाशिंगटन गए थे। ट्रंप ने बैठक को शानदार बताया और कहा कि उन्हें उनसे बात करके "मज़ा आया।
ट्रंप ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच मई में हुए गतिरोध का ज़िक्र करते हुए कहा, "मैंने भारत और पाकिस्तान सहित देशों के 8 शांति समझौते कराए। उनके प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी यह टिप्पणी इस पूरे हफ़्ते दिए गए उनके ऐसे ही बयानों जैसी ही थी। बुधवार को उन्होंने दावा किया था कि अगर भारत और पाकिस्तान ने दुश्मनी नहीं रोकी तो उन्होंने दोनों को 350 प्रतिशत टैरिफ की धमकी दी थी। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्होंने दो परमाणु-संपन्न पड़ोसियों के बीच टकराव को खत्म करने में निर्णायक भूमिका निभाई।
ट्रंप ने कहा- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि हम युद्ध नहीं करने जा रहे हैं। इस बात पर उन्होंने बार-बार ज़ोर दिया है। 10 मई से जब उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वाशिंगटन की मदद से हुई लंबी रात" की चर्चा के बाद भारत और पाकिस्तान "पूर्ण और तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत हो गए हैं। तब से वह 60 से ज़्यादा बार कह चुके हैं कि उन्होंने तनाव को "शांत करने में मदद" की। हालांकि, भारत ने किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के सुझावों को लगातार खारिज किया है।
नई दिल्ली ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के जवाब में 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था, जिसमें धर्म के नाम पर 26 नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन का निशाना पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को बनाना था। चार दिनों तक भारी ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद, 10 मई को दोनों पक्ष दुश्मनी खत्म करने के लिए एक समझौते पर पहुंचे।
