सार

यूक्रेनी सेना ने दावा किया है कि भारत सहित कई देशों के लोग रूसी सैनिकों के खिलाफ लड़ने के लिए उनके साथ शामिल हुए हैं। वे कीव के बाहर लड़ रहे हैं।

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Ukraine Russia War) का आज 13वां दिन है। यूक्रेन के सैनिक कीव, सुमी समेत कई शहरों में रूसी सैनिकों के खिलाफ युद्ध कर रहे हैं। इस बीच दावा किया गया है कि बड़ी संख्या में विदेशी नागरिक भी यूक्रेन का साथ दे रहे हैं। ये लोग यूक्रेनी सैनिकों के साथ मिलकर रूसी सैनिकों का मुकाबला कर रहे हैं।

यूक्रेनी सेना द्वारा दावा किया गया है कि भारत सहित कई देशों के लोग रूसी सैनिकों के खिलाफ लड़ने के लिए उनके साथ शामिल हुए हैं। प्रमुख यूक्रेनी मीडिया आउटलेट द कीव इंडिपेंडेंट ने कहा कि विदेशी नागरिक यूक्रेन के स्वयंसेवी सैन्य बल के अंतरराष्ट्रीय सेना में शामिल हुए हैं। वे कीव के बाहर लड़ रहे हैं।

तमिलनाडु का एक युवक यूक्रेन की सेना में हुआ शामिल
मीडिया आउटलेट ने कहा कि यूक्रेनी ग्राउंड फोर्स के अनुसार स्वयंसेवक अमेरिका, ब्रिटेन, स्वीडन, लिथुआनिया, मैक्सिको और भारत से आए हैं। हालांकि, सरकारी प्रतिष्ठान के सूत्रों ने कहा कि दावे को प्रमाणित नहीं किया जा सकता है। मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि तमिलनाडु का एक युवक जो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गया था, यूक्रेन की सेना में शामिल हो गया है। 

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पढ़ने के लिए यूक्रेन जाने से पहले 21 वर्षीय सैनिकेश रविचंद्रन ने दो बार भारतीय सेना में शामिल होने का प्रयास किया था। दोनों बार उसे ऊंचाई के आधार पर खारिज कर दिया गया था। परिवार ने उसे घर लौटने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन उसने यूक्रेनी सेना में बने रहने की इच्छा व्यक्त करते हुए घर आने से इनकार कर दिया। उसका एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पांच साल का कोर्स इस साल जुलाई में खत्म होना है।

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16 हजार विदेशी स्वयंसेवकों ने दिया था आवेदन
बता दें कि रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण करने की घोषणा के बाद यूक्रेनी सरकार ने अपनी खुद की अंतरराष्ट्रीय सेना स्थापित करने का फैसला किया था। यह यूक्रेन की रक्षा में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों से बना एक सैन्य बल है। जेलेंस्की प्रशासन ने विदेशी भाड़े के सैनिकों से आवेदन आमंत्रित किए थे। 28 फरवरी को रक्षा मंत्रालय को विदेशी नागरिकों से "कई हजार" आवेदन प्राप्त हुए थे। राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने घोषणा की थी कि लगभग 16 हजार विदेशी स्वयंसेवक सेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं।

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