सार

फरवरी में म्यांमार सेना द्वारा आंग सान सू की सरकार को हटाने के बाद से यह देश संकट में है। म्यांमार में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए तो विभत्स खूनी कार्रवाई भी हुई।

जिनेवा। म्यांमार (Myanmar) के नागरिक आबादी वाले कई क्षेत्रों या शहरों में मिलिट्री जुंटा (Military Junta) के सैनिकों की तैनाती और भारी मात्रा में हथियारों के एकत्र किए जाने पर संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग (UN High Commissioner for Human rights) ने चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि दो हाई रैंक के कमांडरों की तैनाती ने चितांओं को और बढ़ा दिया है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार हाईकमिश्नर आफिस की प्रवक्ता रवीना शमदासानी (Ravina Shamdasani) ने जिनेवा (Geneva) में संवाददाताओं से कहा कि खतरनाक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि पिछले कुछ हफ्तों में म्यांमार की सेना ने भारी हथियारों और सैनिकों की पर्याप्त तैनाती की है। उन्होंने कहा कि सेना की तैनाती चिन राज्य में कनपेटलेट और हाखा टाउनशिप, मध्य सागिंग क्षेत्र में कानी और मोनीवा टाउनशिप और मैगवे क्षेत्र में गंगॉ टाउनशिप में की गई है। प्रवक्ता ने कहा कि इन क्षेत्रों के इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है।

म्यांमार में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन

फरवरी में म्यांमार सेना द्वारा आंग सान सू की सरकार को हटाने के बाद से यह देश संकट में है। म्यांमार में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए तो विभत्स खूनी कार्रवाई भी हुई।

संयुक्त राष्ट्र प्रवक्ता शमदासानी ने कहा कि हम इन घटनाओं से गंभीर रूप से चिंतित हैं, विशेष रूप से सेना द्वारा तीव्र हमलों को देखते हुए जो हमने इन क्षेत्रों में पिछले महीने दर्ज किए हैं। सैन्य शासन का विरोध करने पर हत्याएं, गांवों पर छापेमारी, घरों को जलाने की घटनाएं हो रही है।

शमदासानी ने कहा कि मानवीय आधार पर नागरिकों की करें रक्षा

शमदासानी ने कहा कि सामूहिक गिरफ्तारी के बाद यातनाएं दी जा रही है। सैन्य बलों द्वारा गांवों पर तोप के गोले दागे जा रहे और हवाई हमले किये जा रहे है। उन्होंने जंटा के प्रभाव वाले राज्यों में नागरिकों के जीवन की रक्षा, उनकी संपत्तियों की सुरक्षा करने के लिए मानवीय आधार पर अपील की है।

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