US कांग्रेस में PM मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार सेल्फी चर्चा का केंद्र बन गई। कांग्रेस की महिला सदस्य सिडनी कामलागर-डोव ने इस तस्वीर को पोस्टर की तरह पेश करते हुए चेताया कि भारत-US स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर गंभीर असर पड़ा है।
नई दिल्ली। US कांग्रेस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कार सेल्फी ने तहलका मचा दिया। इस सेल्फी को कांग्रेस की महिला सांसद सिडनी कामलागर-डोव ने सुनवाई के दौरान पोस्टर के रूप में इस्तेमाल किया और चेतावनी दी कि भारत को मॉस्को के करीब लाना अमेरिका के लिए सही नहीं है। इस वायरल पोस्टर ने कांग्रेस में हड़कंप मचा दिया। कामलागर-डोव ने कहा कि सरकार की नीतियों और दबावों से US-India पार्टनरशिप को नुकसान हुआ है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को समझना होगा कि भारत को "दुश्मनों की बाहों में धकेलने" की कीमत चुकानी पड़ेगी।
क्या इस सेल्फी का मतलब दोनों नेताओं के करीबी रिश्तों का संकेत है?
पुतिन और मोदी की यह कार राइड सिर्फ मीडिया पलों के लिए नहीं थी। रूस के प्रेसिडेंट पुतिन ने एक इंटरव्यू में बताया कि “PM मोदी के साथ कार राइड का आइडिया मेरा था। यह हमारी दोस्ती की निशानी है।” यह पल 2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन का भारत का पहला ऑफिशियल दौरा था। पुतिन दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरते ही मोदी से मिले, हाथ मिलाया और गले लगाया। इसके बाद दोनों ने मेड-इन-रशिया ऑरस सेडान में सफर किया और लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री निवास पर प्राइवेट डिनर किया।
क्या पुतिन-मोदी की कार सेल्फी ने रिश्तों में खटास बढ़ाई?
पिछले हफ़्ते दिल्ली में पुतिन का दो दिन का दौरा हुआ। एयरपोर्ट पर उतरते ही पुतिन प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक ही कार में सवार हुए। यह पल दोनों नेताओं के पर्सनल अपनापन और करीबी दोस्ती का प्रतीक माना गया। इसके पहले शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन समिट में भी दोनों ने एक ही कार साझा की थी। कामलागर-डोव ने US कांग्रेस में इस फोटो को पोस्टर की तरह दिखाते हुए कहा, "यह पोस्टर हज़ार शब्दों के बराबर है। US के स्ट्रेटेजिक पार्टनर्स को हमारे दुश्मनों की बाहों में धकेलकर कोई नोबेल पीस प्राइज़ नहीं मिलता।"
कांग्रेस की महिला सांसद ने क्यों उठाया यह मुद्दा?
सिडनी कामलागर-डोव ने कहा कि सरकार की नीतियों और दबाव की वजह से अमेरिका और भारत के बीच भरोसा कमजोर हो रहा है। उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि US-India पार्टनरशिप को हुए नुकसान को कम करने के लिए तुरंत कदम उठाए जाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि जब पार्टनर को ज़बरदस्ती शामिल किया जाता है तो इसकी कीमत चुकानी पड़ती है। कामलागर-डोव ने पोस्टर को “हज़ार शब्दों के बराबर” बताया और कहा कि इससे स्पष्ट होता है कि नीतिगत गलतियाँ केवल दिखावे के लिए नहीं हैं-यह दोनों देशों के दीर्घकालिक भरोसे को प्रभावित कर सकती हैं।
क्या इस कदम से अमेरिका को अपने रणनीतिक लाभ का खतरा है?
संसद में यह चर्चा इस बात की तरफ भी इशारा करती है कि US-India रणनीतिक साझेदारी सिर्फ आदानों-प्रदान या मीडिया तस्वीरों तक सीमित नहीं है। कामलागर-डोव ने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप नुकसान न पहुंचे। यह स्पष्ट करता है कि अमेरिका में कांग्रेस के कुछ सदस्य भारत और रूस के बीच बढ़ते करीबी रिश्तों पर चिंतित हैं।
मोदी-पुतिन दोस्ती का भारत की विदेश नीति पर क्या असर होगा?
2022 के रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन का यह पहला भारत दौरा रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। मोदी और पुतिन ने न केवल कार राइड की बल्कि प्राइवेट डिनर और वार्ता के माध्यम से अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक नज़दीकी भी दिखाई। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि वैश्विक रणनीतिक संतुलन के लिहाज से यह कदम कई मायनों में ध्यान आकर्षित करता है।
क्या US कांग्रेस की चेतावनी भारत-यूएस संबंधों को बदल देगी?
कांग्रेस की महिला सांसद ने साफ शब्दों में कहा कि यदि तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो दोनों देशों के बीच भरोसा कमजोर होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह न केवल राजनीतिक बयान है, बल्कि वैश्विक रणनीतिक संदर्भ में एक चेतावनी भी है। पीएम मोदी और पुतिन की कार सेल्फी केवल एक फोटो नहीं है। यह दोनों देशों के बीच दोस्ती, रणनीतिक नज़दीकी और वैश्विक राजनीति का प्रतीक है। सिडनी कामलागर-डोव की चेतावनी ने यह दिखाया कि US-India पार्टनरशिप के लिए सतर्क रहना जरूरी है, और यह तस्वीर सिर्फ वायरल मीडिया नहीं, बल्कि वैश्विक रणनीति की एक झलक है।


