सार
रूस से जंग के बढ़ रहे खतरे को देखते हुए अमेरिका 15 साल बाद एक बार फिर यूके में अपने परमाणु हथियारों को तैनात करने जा रहा है।
वाशिंगटन। अमेरिका को रूस से जंग का खतरा बढ़ता दिख रहा है। इसके चलते वह यूके में अपने परमाणु हथियार तैनात करने की योजना पर काम कर रहा है। 1945 में अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से तीन गुना अधिक क्षमता वाले परमाणु हथियार ब्रिटेन के सफोल्क में आरएएफ लेकनहीथ पर तैनात करने की योजना बना रहा है। यह जानकारी द टेलीग्राफ ने दी है।
टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार रूस से जंग का खतरा बढ़ता देख अमेरिका 15 साल में पहली बार यूके में परमाणु हथियार रखने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन के डॉक्यूमेंट्स का हवाला देते हुए टेलीग्राफ ने बताया कि यह तैयारी बचाव के लिए की जा रही है।
अमेरिका ने 2008 में यूके से हटाए थे न्यूक्लियर मिसाइल
रूस और अमेरिका के चल रहे कोल्ड वार के कम होने पर अमेरिका ने 2008 में यूके में तैनात अपने न्यूक्लियर मिसाइलों को हटा लिया था। अमेरिका अब एक बार फिर यूके के लेकनहीथ एयरबेस पर अपने परमाणु हथियारों को रखने जा रहा है। इसके लिए जरूरी सुविधाएं तैयार की जा रही हैं।
नाटो तक है रूस-यूक्रेन जंग के फैलने का खतरा
दरअसल, रूस और यूक्रेन के बीच फरवरी 2022 से चल रही लड़ाई के Nato (North Atlantic Treaty Organisation) के सदस्य देशों तक फैलने की आशंका है। Nato का नेतृत्व अमेरिका द्वारा किया जाता है। UK नाटो का सदस्य है। रूस से बढ़ रहे खतरे को देखते हुए नाटो के देश अपनी परमाणु क्षमता को अपग्रेड कर रहे हैं।
लैकेनहीथ में B61-12 ग्रेविटी बमों को तैनात कर सकता है अमेरिका
वित्त वर्ष 2024 के लिए अमेरिकी वायु सेना के बजट दस्तावेजों से लैकेनहीथ में बुनियादी ढांचे के विकास की योजनाओं का खुलासा हुआ है। यूके सरकार विशिष्ट स्थानों पर परमाणु हथियारों की उपस्थिति की न तो पुष्टि करने और न ही इनकार करने की नीति रखती है। लेकनहीथ में जिस तरह की गतिविधियां हैं उससे यहां B61-12 ग्रेविटी बमों के तैनात करने की तैयारी का पता चलता है।
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ये बम अमेरिका द्वारा अपने परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण के प्रयास का हिस्सा हैं। ये पुराने B61-3/4 बमों की जगह ले रहे हैं। लेकनहीथ एयर बेस पर परमाणु हमला करने में सक्षम F-35A लाइटनिंग II जेट की तैनाती किए जाने की उम्मीद है।
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