सार

WHO ने कोरोना वायरस संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय जन-स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस लाइलाज वायरस से चीन में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। चीन के बाहर भी कई देशों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद WHO ने यह कदम उठाया है। 

भोपाल. WHO ने कोरोना वायरस संक्रमण को अंतरराष्ट्रीय जन-स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इस लाइलाज वायरस से चीन में अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। चीन के बाहर भी कई देशों में कोरोना के मामले सामने आने के बाद WHO ने यह कदम उठाया है। जापान के जहाज में भी कई लोग इस संक्रमण से प्रभावित हुए हैं, जिनमें 2 भारतीय चालक भी शामिल हैं। 

MP में अब तक नहीं आया कोई मामला 
मध्यप्रदेश सरकार ने मंगलवार को बताया कि राज्य में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है लेकिन चीन और संक्रमण से प्रभावित अन्य देशों से आने वाले 151 लोगों को आइसोलेशन में रखा गया है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर प्रदेश में चेतावनी जारी की गई है। प्रदेश सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि प्रदेश में यद्यपि कोरोना वायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला नहीं आया लेकिन डब्लूएचओ की सलाह पर चेतावनी जारी कर दी गई है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ और लोक परिवार कल्याण स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट ने प्रदेश की जनता से कोरोना वायरस से बचाव के लिए सावधानी बरतने की अपील की है।

विज्ञप्ति में बताया गया कि चीन और संक्रमण से प्रभावित अन्य देशों से आने वाले यात्रियों को उनके आवास पर ही आइसोलेशन में रखने और स्वास्थ्य जाँच के निर्देश जारी किए गए हैं। प्रदेश में ऐसे 151 व्यक्ति चिन्हित किए गए हैं, जिनमें से अभी 145 व्यक्ति होम आइसोलेशन में हैं। प्रदेश में 13 संदिग्ध मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया गया है, जिनमें से 2 भोपाल एम्स एवं जिला अस्पताल विदिशा में भर्ती हैं। इन सभी मरीजों के नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए थे। सबकी रिपोर्ट नेगेटिव आयी है।

कोरोना से बचने के लिए किए उपाय
प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी सूचना देने के लिए राज्य स्तर पर कॉल सेन्टर 104 स्थापित किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में चीन से आने वाले यात्रियों की हवाई अड्डे पर स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। विदेश मंत्रालय के निर्देश पर चीन से आने वाले यात्रियों की निगरानी की जा रही है। प्रदेश के प्रत्येक जिला चिकित्सालय में 2 से 6 बिस्तरों वाले जबकि सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में 10-10 बिस्तरों वाले आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं।