सार
इस क्षेत्र में दुनिया के सबसे सुंदर और ऊंचे हिमालय पर्वत हैं। लेकिन इस हिस्से में हवाई जहाज उड़ाने से पायलट डरते हैं। आखिर पायलटों के डर का कारण क्या है?
नई दिल्ली: हवाई जहाज में सफर करना कुछ लोगों के लिए रोमांचकारी अनुभव हो सकता है। लेकिन पायलटों के लिए हवाई जहाज उड़ाना एक चुनौतीपूर्ण काम होता है। जमीन से हजारों मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भरना कोई मामूली बात नहीं है। सैकड़ों यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुँचाना पायलट की ज़िम्मेदारी होती है। लेकिन धरती पर एक ऐसा इलाका भी है, जिसके ऊपर उड़ान भरने से पायलट डरते हैं। हवाई उड़ान के लिए इस क्षेत्र पर कोई रोक नहीं है। आतंकवादियों का डर भी नहीं है। फिर भी इस जगह के ऊपर कोई हवाई जहाज उड़ान नहीं भरता है।
आज हम बात कर रहे हैं तिब्बत क्षेत्र की। भारत के करीब स्थित चीन के साथ सीमा साझा करने वाला तिब्बत दुनिया के खूबसूरत स्थलों में से एक है। पूरा तिब्बत पूरी तरह से पहाड़ों से घिरा हुआ क्षेत्र है। इस पृष्ठभूमि में एशिया के किसी भी विमान को तिब्बत मार्ग से होकर उड़ान नहीं भरने दी जाती है। इस रास्ते से उड़ान भरने से पायलट डरते हैं। हवाई उड़ान के लिए इस क्षेत्र को बेहद खतरनाक माना जाता है। यह बहुत ही ऊंचाई वाला क्षेत्र है और इसी हिस्से में कई ऊंचे-ऊंचे पर्वत हैं। इस क्षेत्र को दुनिया की छत कहा जाता है।
यह 2.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है और 4,500 मीटर (14,764 फीट) ऊंचा है। दुनिया की सबसे ऊंची चोटियाँ माउंट एवरेस्ट, K2 भी इसी हिस्से में स्थित हैं। इस हिस्से में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण किसी भी समय इंजन फेल होने की आशंका बनी रहती है। इस हिस्से में उड़ान के लिए इंजन को एक्टिव रखने के लिए ज्यादा ईंधन की जरूरत होती है।
ऊंचे-ऊंचे पहाड़ होने के कारण विमानों को उनके ऊपर से उड़ान भरनी पड़ती है। इन सबके साथ ही यहां कभी भी मौसम खराब हो जाता है। ऐसे में विमानों के पहाड़ों से टकराने की आशंका बनी रहती है। इन तमाम कारणों से तिब्बत मार्ग से होकर विमान उड़ान नहीं भरते हैं।
यहां मौसम के बदलाव से विमानों के दबाव में आकर नियंत्रण खोने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में विमानों को लैंडिंग कराने के लिए सुरक्षित जगह और ऑपरेशन रेस्क्यू चलाने के लिए यहां से संभव नहीं है। तिब्बती पठार अपने कठोर और अप्रत्याशित मौसम के लिए जाना जाता है। तेज हवाएं और मौसम में अचानक बदलाव विमानों के उड़ान भरने के लिए अनुकूल नहीं हैं, ऐसा मौसम विशेषज्ञों का कहना है। मौसम की स्थिति पायलटों के लिए ठीक से नेविगेट करना मुश्किल बना सकती है। इन सभी कारणों से दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। ऊंचे इलाकों में उड़ान भरना अपने आप में एक जोखिम माना जाता है।