राजस्थान के राजसमंद जिले की सांसद दिया कुमारी के खिलाफ चुनाव में तथ्य छिपाकर इलेक्शन में शामिल होने के मामले में जिला न्यायालय ने सुनवाई करते हुए सांसद और तत्कालीन रिटर्निंग अधिकारी को नोटिस दिया। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 8 दिसंबर 2022 के दिन की दी।
केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और LDF सरकार के बीच तनातनी चरम पर पहुंच गई है। राज्यपाल ने राजभवन में मीडिया को कन्नू यूनिवर्सिटी में वर्ष, 2019 में एक प्रोग्राम के दौरान का एक वीडियो शेयर करते हुए आरोप लगाया कि उनके साथ तब मारपीट हुई थी।
योगी सरकार में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने विधान परिषद के नेता पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे को लेकर किसी भी प्रकार की अधिकारिक जानकारी नहीं है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।
दुराचार के मामले में घोसी के बसपा सांसद अतुल राय को कोर्ट ने बरी कर दिया है। यह केस उन पर 2019 से चल रहा था। अतुल राय मौजूदा समय में नैनी जेल में बंद है। अतुल राय के वकील अनुज यादव और वादी के वकील एडीजीसी ज्योति शंकर ने इसकी पुष्टि की है।
Personal Data Protection Bill 2019: 2017 में, सुप्रीम कोर्ट ने निजता के अधिकार को संविधान के दायरे में मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी। शीर्ष अदालत ने केंद्र को देश के लिए डेटा सुरक्षा ढांचा तैयार करने का निर्देश दिया था।
बिहार के अनंत सिंह के बाद खतरें में पड़ी झारखंड राज्य के बाघमारा के बाहुबली विधायक की कुर्सी। इससे क्या बदल जाएगा धनबाद के बाघमारा विधानसभा का नतीजा, खतरें में विधायक ढुल्लू महतो की विधायकी। 20 जुलाई तक करने है सभी सीलबंद दस्तावेज जमा।
राहुल की शिकायत के बाद पुणे पुलिस को पुष्पेन्द्र और प्रियंका के इंदौर में होने की जानकारी मिली थी। पुणे पुलिस इंदौर आई और कनाड़िया पुलिस की मदद से दोनों आरोपियों को पकड़कर पुणे ले गई। मामले की जांच हो रही है।
महाराष्ट्र के अमरावती में 21 जून को हुई केमिस्ट उमेश प्रहलाद राव कोल्हे की हत्या की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। इसके पीछे ISIS से इंस्पायर्ड गैंग का हाथ माना जा रहा है।
Senior IAS resigned: Daulat Desai 2008 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। एमईडीडी में स्थानांतरित होने से पहले, कोल्हापुर के कलेक्टर थे और उन्होंने पश्चिमी महाराष्ट्र जिले को तबाह करने वाली 2019 की बाढ़ को संभाला था।
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले से बीजेपी के रडार पर थे। देवेंद्र फडणवीस के साथ उनकी दोस्ती ने भी बगावत की इस कहानी में रंग दिखाया है।