C-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान की एकमात्र महिला पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट हर राज कौर बोपराय सूडान में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस ला रही हैं।
सूडान हो रही हिंसा की नींव साल 2019 में रखी गई थी। उस समय देश में ओमर अल-बशीर की सरकार थी और वह सूडान के राष्ट्रपति थे।
सूडान में फंसे करीब 400 भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना के दो विमान और नौसेना का एक जहाज तैयार है। दोनों विमान जेद्दाह में स्टैंडबाई पर हैं। वहीं, जहाज सूडान पोर्ट पर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सूडान में फंसे भारतीयों की स्थिति की समीक्षा के लिए हाई लेवल बैठक कर रहे हैं। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सूडान में फंसे भारतीयों से सरकार संपर्क में है। UN द्वारा युद्धविराम की कोशिश की जा रही है।
पाकिस्तान के विदेशमंत्री इशाक डार ने ट्वीट करते हुए कहा है कि UAE देश को एक अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देगा.
गोटबाया राजपक्षे के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बावजूद स्थितियां ठीक नहीं हैं। श्रीलंका के सामने सबसे बड़ा संकट आर्थिक है। इस बीच एक सवाल यह सबके सामने हैं कि गोटबाया को शरण कौन देगा? क्योंकि श्रीलंका के लोग 30 दिनों से कम बिना वीजा के सिंगापुर की यात्रा कर सकते हैं। इसलिए गोटबाया की सिंगापुर यात्रा को निजी बताया गया है। पढ़िए कुछ अन्य अपडेट
श्रीलंका में राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को देश से बाहर भगाने में बौद्ध भिक्षु ओमालपे सोबिथा थेरा का बहुत बड़ा योगदान है। सोबिथा थोरा ने ही श्रीलंका में चल रहे सरकार विरोधी आंदोलन को हवा दी। आइए जानते हैं आखिर कौन हैं डॉक्टर ओमालपे सोबिथा थेरा।
श्रीलंका को आर्थिक संकट में छोड़कर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा देने से पहले ही मालदीव भाग निकले। इस बीच चुनाव आयोग ने एक अलग तरह की चिंता जताई है। उसका कहना है कि यहां अगले 4 महीने तक आम चुनाव करा पाना आसान नहीं है, क्यों? जानिए इसकी वजह...
आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में राजनीति उथल-पुथल के बीच फिलीपींस में 1986 में हुई जनक्रांति की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल है। श्रीलंका के तख्तापलट को फिलीपींस के जन आंदोलन जैसा माना जा रहा है।