धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने की दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु के निमित्त व्रत और पूजा की जाती है, इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। हर एकादशी की पूजा विधि में थोड़ी भिन्नता जरूर होती है लेकिन उद्देश्य एक ही होता है भगवान विष्णु की कृपा पाना।
हिंदू धर्म के अनुसार, एक साल में 24 एकादशी आती है, इन सभी का महत्व अलग-अलग है और नाम भी। इसी क्रम में आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 10 जुलाई, रविवार को है।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) कहते हैं। कुछ धर्म ग्रंथों में इसे हरिशयनी एकादशी भी कहा गया है। इस बार ये एकादशी 10 जुलाई, रविवार को है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi 2022) कहते हैं। इस बार ये एकादशी 10 जुलाई, रविवार को है।
24 जून, शुक्रवार को आषाढ़ मास की एकादशी है, इसे योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi 2022) कहते हैं। अनेक ग्रंथों में इस एकादशी का महत्व बताया गया है। इस एकादशी भगवान विष्णु के साथ-साथ पीपल के वृक्ष की पूजा का भी विधान है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
हिंदू धर्म में तिथियों का विशेष महत्व है क्योंकि इसी के आधार पर व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। इन तिथियों में एकादशी काफी खास है क्योंकि इसके स्वामी भगवान विष्णु हैं।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 24 जून, शुक्रवार को है। पद्म पुराण के मुताबिक इस दिन व्रत या उपवास करने से हर तरह के पाप खत्म हो जाते हैं। साथ ही कई यज्ञों को करने का फल भी मिलता है।
हिंदू धर्म में कुछ तिथियों को बहुत ही शुभ और विशेष माना गया है। इनमें से एकादशी तिथि भी एक है। हर महीने के दोनों पक्षों में ये तिथि आती है। इस तरह एक साल में इनकी संख्या 24 होती है। इन सभी का अलग-अलग नाम और महत्व होता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत किया जाता है। एक साल में कुल 24 एकादशी व्रत आते हैं। इन सभी का नाम और महत्व अलग-अलग बताया गया है।
हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। हर महीनें के दोनों पक्षों में एक-एक एकादशी तिथि आती है। इस तरह एक साल में 24 एकादशी होती है। इनमें से हर एकादशी का अलग-अलग महत्व है।