छात्र जिन सवालों पर ऑब्जेक्शन उठाएंगे, उन्हें प्रति सवाल के हिसाब से 2022 रुपए फीस देना होगा। बिना भुगतान आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा। आपत्तियों के निपटारे के बाद फाइनल आंसर की और रिजल्ट साथ-साथ जारी किया जाएगा।
सोमवार को नीट पीजी की काउसलिंग पर रोक लगान की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से इनकार कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि वह ऐसा कर छात्रों की जिंदगी को खतरे में नहीं डाल सकते।
1 सितंबर, 2022 से नीट पीजी के लिए काउंसिलिंग प्रक्रिया की शुरुआत हो रही है। केंद्रीय विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और अखिल भारतीय कोटे की 50 फीसदी सीटों और मेडिकल और डेंटल कालेजों की 50 फीसदी राज्य कोटे की सीटों पर एक साथ काउंसलिंग होगी।
17 जुलाई, 2022 को नीट यूजी की परीक्षा आयोजित हुई थी। इस परीक्षा के लिए 18 लाख 72 हजार 341 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था। पिछले साल, जनरल कैटेगरी का कट ऑफ 720-138, एससी-एसटी और ओबीसी कैंडिडेट्स के लिए 137-108 मार्क्स था।
राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान परीक्षा बोर्ड की तरफ से नीट पीजी 2022 का रिजल्ट जारी होने के बाद से ही कैंडिडेट्स को काउंसलिंग तारीखों का इंतजार था। उम्मीदवार काउंसलिंग प्रक्रिया से जुड़ी एक-एक दिन की जानकारी यहां देख सकते हैं।
नीट का रिजल्ट जारी होने के बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। करीब 92 हजार सीटों पर काउंसलिंग की जाएगी, जो 4 महीनो तक चल सकती है। रिजल्ट जारी होने के 5 से 10 दिन क बाद काउंसलिंग शुरू होगी। स्कोर के हिसाब से स्टूडेंट्स को चॉइस ऑफ कॉलेज अलॉट किए जाएंगे।
करीब 4 महीने तक नीट की काउंसलिंग चलेगी। इस बार लगभग 92 हजार सीटों पर काउंसलिंग की जाएगी। आसंर-की के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी फाइनल रिजल्ट जारी किया जाएगा। उसके बाद कैंडिडेट्स को काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा।
नीट का रिजल्ट जारी होने के बाद करीब 92 हजार सीटों पर काउंसलिंग की जाएगी, जो लगातार 4 महीनो तक चलेगी। रिजल्ट जारी होने के 5 से 10 दिन बाद ही मेडिकल एडमिशन की काउंसलिंग शुरू हो जाएगी। स्कोर के हिसाब से स्टूडेंट्स को उनकी चॉइस के अनुसार मेडिकल कॉलेज अलॉट किए जाएंगे।
नीट रिजल्ट घोषित होने के बाद MBBS, BDS जैसे मेडिकल कोर्सेस में एडमिशन शुरू किए जाएंगे। स्टूडेंट्स को स्कोर के आधार पर काउंसलिंग के लिए बुलाया जाएगा। इसी अनुसार उन्हें कॉलेज अलॉट किए जाएंगे। काउंसलिंग प्रक्रिया चार महीने तक चलने की उम्मीद है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को भी पूरा किया जाएगा। इसके लिए डीएनबी की पात्रता को मान्यता मिल गई है। सरकारी मेडिकल कॉलेज अपग्रेडेशन के लिए सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉग बनाकर 75 प्रोजेक्ट को मंजूर किया गया है।