कैप्टन पर भी रेत खनन माफिया को संरक्षण देने के आरोप लगते रहे थे। खासतौर पर नवजोत सिंह सिद्धू न आरोपों को लेकर खासे मुखर रहे हैं। अब जब चन्नी के रिश्तेदारों पर रेड लगी तो कैप्टन को भी बदला लेने का मौका मिल गया है। इधर इस पूरे मामले में सिद्धू की चुप्पी पर भी सवाल हैं।
बताया जा रहा है कि घोषणा पत्र में किसानों की ओर भी विशेष ध्यान दिया गया है। घोषणा पत्र बनाते वक्त पंजाब के विशेषज्ञों की भी राय ली गई है। ध्यान रखा गया कि पंजाब के हर मुद्दे को टच किया जाए। आम आदमी पार्टी के घोषणा पत्र पर दूसरे राजनीतिक दलों की भी नजर टिकी हुई है।
राज्य में कोरोना की स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटे में 27 लोगों की जान चली गई है। 7,849 कोरोना के नए मामले भी सामने आए हैं। अकाली दल के सीनियर लीडर प्रकाश सिंह बादल कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह भी संक्रमण का शिकार हो चुके हैं।
अब जिस तरह से कांग्रेस और चन्नी ईडी की रेड से विवादों में हैं। इसलिए उनकी छवि को मेकओवर करने के लिए दलित कार्ड खेलने की तैयारी की जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने बयान जारी कर ईडी की रेड को दलित पर अटैक बताया है।
पंजाब में अवैध बालू खनन के खिलाफ मंगलवार को ईडी ने सीएम चन्नी के भतीजे भूपिंदर सिंह हनी के ठिकाने समेत 10 जगहों पर छापे मारे थे। इस मामले में हनी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया गया है। जांच में अब तक 10 करोड़ रुपए की नकदी जब्त की है। इसमें हनी के ठिकाने से जब्त किए गए 8 करोड़ रुपए भी शामिल हैं।
अब यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है कि कांग्रेस के खेमे से CM Face कौन? ये सवाल ना सिर्फ मतदाता के बीच उठ रहा है, बल्कि पार्टी के भीतर भी इसे लेकर उठा-पटक चल रही है। सिद्धू कई बार यह मांग कर चुके हैं कि पार्टी को सीएम चेहरा घोषित करना चाहिए।
गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बताया कि उनकी पार्टी को चुनाव आयोग ने रजिस्टर्ड कर लिया है। उन्हें चुनाव चिह्न के तौर पर कप-प्लेट मिला है। वहीं, SSM के संसदीय बोर्ड के सदस्य प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि SSP के साथ एक गठबंधन किया है।
2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में हिंदुओं की कुल आबादी का 38.5 प्रतिशत हिस्सा है। राज्य में 45 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां हिंदू मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। मोगा विधानसभा क्षेत्र के 1.84 लाख मतदाताओं में से करीब एक लाख शहरी हिंदू मतदाता हैं।
बता दें कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने शिरोमणि अकाली दल से गठबंधन किया था, तब भाजपा ने अकाली दल की बात मानी और छोटे भाई की भूमिका निभाई थी। इस बार भी भाजपा की तरफ से अपने पारंपरिक सहयोगी अकाली दल की ओर गठबंधन का हाथ बढ़ाया था।
इससे पहले आशु बांगड़ का आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भी विरोध जताया था। उन्होंने फिरोजपुर देहाती विधानसभा हलके में आशु के पोस्टर फाड़े थे और उनकी तस्वीर पर कालिख पोत कर गुस्सा जाहिर किया था। कांग्रेसी भी आशु का विरोध कर रहे हैं।